क्या है कप्पा कोरोना वायरस, यह कितना खतरनाक है?

By सतीश कुमार सिंह | Published: July 9, 2021 06:40 PM2021-07-09T18:40:28+5:302021-07-09T20:21:02+5:30

उत्तर प्रदेश में सीओवीआईडी ​​​​-19 के कप्पा संस्करण के दो मामलों का पता चला है। किंग जॉर्ज के मेडिकल कॉलेज में पिछले कुछ दिनों में 109 सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई।

What is Kappa variant of coronavirus and how dangerous it is? | क्या है कप्पा कोरोना वायरस, यह कितना खतरनाक है?

कोरोना वायरस का एक सामान्य स्वरूप हैं और इसका इलाज संभव हैं।

Highlightsइस स्वरूप को डब्ल्यूएचओ ने हाल में ‘‘वैश्विक चिंता वाला स्वरूप’’ बताया था।जीनोम अनुक्रमण के दौरान कोरोना वायरस के कप्पा स्ट्रेन का पता चला था।वर्तमान में दैनिक संक्रमण दर 0.04 प्रतिशत है।

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान दो नमूनों में वायरस के ‘कप्पा’ स्वरूप की पुष्टि हुई है।

राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई अधिकारियों की बैठक के बाद जारी सरकारी बयान के मुताबिक ''विगत दिनों केजीएमयू (किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय) में 109 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई। प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक 107 नमूनों में कोविड की दूसरी लहर में सामने आए डेल्टा स्वरूप की ही पुष्टि हुई है, जबकि दो नमूनों में वायरस का कप्पा स्वरूप पाया गया।''

‘कप्पा’ तथा ‘डेल्टा’ से नाम से जाना जाएगा

कोरोना वायरस के भारत में पहली बार पाए गए स्वरूप बी.1.617.1 और बी.1.617.2 को अब से क्रमश: ‘कप्पा’ तथा ‘डेल्टा’ से नाम से जाना जाएगा। दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों की नामावली की नई व्यवस्था की घोषणा की है जिसके तहत वायरस के विभिन्न स्वरूपों की पहचान यूनानी भाषा के अक्षरों के जरिए होगी।

संरा की स्वास्थ्य एजेंसी ने कोविड-19 के B.1.617.1 स्वरूप को ‘कप्पा’ नाम दिया है तथा B1.617.2 स्वरूप को ‘डेल्टा’ नाम दिया है। वायरस के ये दोनों ही स्वरूप सबसे पहले भारत में सामने आए थे।डब्ल्यूएचओ ने सार्स-सीओवी2 के चिंताजनक स्वरूपों को नए एवं सरल नाम दिए हैं। हालांकि ये नाम वर्तमान के वैज्ञानिक नामों का स्थान नहीं लेंगे लेकिन इन नए नामों का उद्देश्य इन स्वरूपों को लेकर सार्वजनिक विमर्श को सरल बनाना है।

अब से ‘‘अल्फा’’ स्वरूप कहा जाएगा

इन स्वरूपों को अब तक उनके तकनीकी अक्षर-संख्या कोड के नाम से जाना जाता है या उन देशों के स्वरूप के रूप में जाना जाता है जहां वे सबसे पहले सामने आए थे। इस तरह का एक स्वरूप जो सबसे पहले ब्रिटेन में नजर आया था और जिसे अब तक B.1.1.7 नाम से जाना जाता है उसे अब से ‘‘अल्फा’’ स्वरूप कहा जाएगा।

वायरस का B.1.351 स्वरूप जिसे दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप के नाम से भी जाना जाता है उसे ‘बीटा’ स्वरूप के नाम से जाना जाएगा। ब्राजील में पाया गया पी.1 स्वरूप ‘गामा’ और पी.2 स्वरूप ‘जीटा’ के नाम से पहचाना जाएगा। अमेरिका में पाए गए वायरस के स्वरूप ‘एपसिलन’ तथा ‘लोटा’ के नाम से पहचाने जाएंगे। आगे आने वाले चिंताजनक स्वरूपों को इसी क्रम में नाम दिया जाएगा।

Web Title: What is Kappa variant of coronavirus and how dangerous it is?

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