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भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर विदेशी मीडिया ने कुछ ऐसे किया उन्हें याद

By रामदीप मिश्रा | Updated: August 17, 2018 13:21 IST

अगस्त को अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया। उन्हें दिल्ली के एम्स में जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। अटल बिहारी वाजपेयी को गुर्दा (किडनी) नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था।

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नई दिल्ली, 17 अगस्तः भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान (एम्स) में अंतिम सांस ली। उनकी उम्र 93 साल थी और वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की सूचना आते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। वहीं, वाजपेयी के निधन को लेकर विदेशी मीडिया ने भी द्विपक्षीय संबंधों से लेकर उनकी विदेश नीति पर अपना नजरिया रखा। खासकर विदेशी मीडिया ने उनके परमाणु परीक्षम को तरजीह दी है। आइए आपको बताते हैं कि क्या कहती है विदेशी मीडिया...

न्यू यॉर्क टाइम्स अपने शार्षक से लिखता है कि भारत के पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 93 वर्ष के उम्र में नहीं रहे। आगे उसने लिखा कि 1998 से 2004 तक भारत के प्रधान मंत्री के रूप में परमाणु हथियारों का परीक्षण कर दुनिया को चौंका दिया था।

वॉशिंगटन पोस्ट भी कुछ इसी तरह लिखता है। उसने अपने शीर्षक में लिखा है कि अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल की उम्र में निधन, जिन्होंने भारत को बयाना न्यूक्लियर पावर। उसने अपनी खबर में भारत को परमाणु हथियार देश के रूप में स्थापित करने का श्रेय वाजपेयी को दिया है, लेकिन यह भी बताया कि परमाणु हथियारों का परीक्षण करने के भारत के निर्णय ने अमेरिका के साथ अपने संबंधों को कैसे प्रभावित किया।

सीएनएन ने अपने शीर्षक में लिखा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल में निधन। इसके बाद वह वाजपेयी के बारे में लिखता है कि एक ऐसा नेता जो अंतरराष्ट्रीय दबाव में नहीं आया। भारत की परमाणु महत्वाकांक्षाओं पर उन्हें घर और विदेशों में भारी आलोचना का सामना करना पड़ा। वाजपेयी ने आर्थिक प्रतिबंधों के खतरे को भी खारिज कर दिया। वाजपेयी ने संसद को बताया क  हमने अंतरराष्ट्रीय दबाव में आने के बाद कभी फैसला नहीं लिया है और हम भविष्य में ऐसा कभी नहीं करेंगे।

आपको बता दें, 16 अगस्त को अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया। उन्हें दिल्ली के एम्स में जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। अटल बिहारी वाजपेयी को गुर्दा (किडनी) नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था। मधुमेह के शिकार 93 वर्षीय भाजपा नेता का एक ही गुर्दा काम करता था। अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ। अपनी प्रतिभा, नेतृत्व क्षमता और लोकप्रियता के कारण वे चार दशकों से भी अधिक समय से भारतीय संसद के सांसद रहे। इसके अलावा तीन बार भारत के प्रधानमंत्री पद पर भी सुशोभित हुए। 

टॅग्स :अटल बिहारी वाजपेयीभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)एनडीए सरकार
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