राष्ट्रीय मिशन ‘निष्ठा’ से पश्चिम बंगाल, केरल ने बनाई दूरी, जानिए क्या है वजह
By भाषा | Published: December 22, 2019 03:57 PM2019-12-22T15:57:55+5:302019-12-22T15:57:55+5:30
केंद्र सरकार ने इसी वर्ष अगस्त में शिक्षक प्रशिक्षण के राष्ट्रीय मिशन 'नेशनल इनीशिएटिव फॉर स्कूल हेड्स एंड टीचर्स होलीस्टिक एडवांसमेंट' (निष्ठा) की शुरुआत की थी जिसके तहत आने वाले 42 लाख शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों, संयोजकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।
शिक्षकों के प्रशिक्षण का राष्ट्रीय मिशन ‘‘निष्ठा’’ पिछले चार महीने में देश के 20 राज्यों में शुरू हो गया है। हालांकि पश्चिम बंगाल और केरल ने अभी तक इसे लागू करने के बारे में कोई कदम नहीं बढ़ाया है।
केंद्र सरकार ने इसी वर्ष अगस्त में शिक्षक प्रशिक्षण के राष्ट्रीय मिशन 'नेशनल इनीशिएटिव फॉर स्कूल हेड्स एंड टीचर्स होलीस्टिक एडवांसमेंट' (निष्ठा) की शुरुआत की थी जिसके तहत आने वाले 42 लाख शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों, संयोजकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के निदेशक ऋृषिकेश सेनापति ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य अगले वर्ष मार्च तक 33,120 केआरपी (की रिसोर्स पर्सन) का प्रशिक्षण कार्य पूरा करना है। अभी तक 14 हजार केआरपी का प्रशिक्षण पूरा हो गया है।’’
उन्होंने बताया कि निष्ठा प्रशिक्षण कार्यक्रम से अब तक 30 राज्य जुड़े हैं और 20 राज्यों में प्रशिक्षण का कार्य शुरू हो गया है। सेनापति ने बताया, ‘‘पश्चिम बंगाल और केरल से अभी तक कोई अनुरोध नहीं आया है। हम इनसे बातचीत कर रहे हैं। बाकी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध प्राप्त हो गया है।’’
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश में कार्यक्रम जनवरी से शुरू होगा। जम्मू कश्मीर में सर्दियों के बाद कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जायेगा। उन्होंने बताया कि अब तक 3.80 लाख शिक्षकों, केआरपी, राज्य स्तरीय रिसोर्स पर्सन, प्रधानाध्यापकों आदि को प्रशिक्षित किया गया है।
एनसीईआरटी के निदेशक ने बताया कि निष्ठा कार्यक्रम को शिक्षकों के प्रशिक्षण के त्रिपुरा मॉडल के आधार पर आगे बढ़ाया गया है जिसके तहत पहले स्तर पर 284 लोगों को प्रशिक्षत किया गया और इन्होंने तीन महीने में 33 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया था।
सेनापति ने बताया कि ‘निष्ठा कार्यक्रम’ के लिये एक वेबपोर्टल तैयार किया गया है। इसके तहत अलग अलग राज्यों के श्रेष्ठ कार्यों एवं चलन को एक दूसरे से साझा करने पर जोर दिया गया है। इसमें गतिविधि आधारित प्रशिक्षण पर खास ध्यान दिया गया है।
कला, संगीत, ड्रामा, थियेटर को जोड़ने और व्यक्तित्व विकास के लिये मॉडल तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि सामाजिक व्यक्तिगत गुणवत्ता विकास के निये कक्षा गतिविधि का विकास किया गया है। इसका मुख्य जोर लर्निंग आउटकम पर है। नैतिक मूल्यों, नागरिक कर्तव्य तथा मानव विकास पर खास जोर दिया गया है।