पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बंटा विपक्ष, सबसे बड़े षड्यंत्रकारी प्रशांत किशोर
By शीलेष शर्मा | Published: December 5, 2021 08:16 PM2021-12-05T20:16:02+5:302021-12-05T20:17:43+5:30
महाराष्ट्र में राकांपा और कांग्रेस के साथ सत्ता साझा करने वाली शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि "ऐसा लगता है कि ममता बनर्जी कांग्रेस को बाहर रखकर कुछ नया करने पर विचार कर रही हैं।”
नई दिल्लीः कांग्रेस मुक्त विपक्ष की बिसात बिछाने में जुटी ममता बनर्जी को समर्थन देने के मुद्दे पर विपक्ष बंटा हुआ है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार समाजवादी पार्टी ममता बनर्जी के समर्थन में महज तब तक खड़ी है, जब तक उत्तर प्रदेश में चुनाव नहीं हो जाते।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस विपक्षी दलों को अपने पक्ष में लामबंद करने के लिए सक्रिय हो गयी है। डीएमके, वामदल, आरएसपी, एनसीपी, आरएसपी सहित तमाम दूसरे दल फिलहाल कांग्रेस के नेतृत्व में ही विपक्षी एकता देख रहे हैं। वामदलों के एक सांसद ने लोकमत से खास बातचीत में कहा कि विपक्षी एकता को तोड़ने में सबसे बड़े षड्यंत्रकारी प्रशांत किशोर हैं।
यह सांसद यहीं नहीं रुके, उन्होंने यहाँ तक आरोप लगा दिया कि प्रशांत किशोर को मोदी शाह की जोड़ी ने इस काम पर लगाया है और वे भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। आरएसपी के सांसद एन के प्रेमचंदन ने लोकमत से बातचीत करते हुए कहा कि यह सही है कि कांग्रेस में नेतृत्व के सवाल पर कोई स्पष्टता नहीं है, जिसके कारण कांग्रेस को भारी नुकसान पहुँच रहा है।
सोनिया गांधी की प्रशंसा करते हुए प्रेमचंदन ने टिप्पणी की कि उनके पास एक अच्छी राजनीतिक सोच तथा संघटनात्मक क्षमता है। राहुल गांधी पर उन्होंने सीढ़ी कोई टिप्पणी तो नहीं की, लेकिन वे इस बात से व्यथित नज़र आये कि कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं की राजनीतिक क्षमता का उपयोग नहीं किया जा रहा है।
यदि यह होता तो कांग्रेस मजबूत स्थिति में होती और विपक्ष के नेतृत्व को लेकर कोई सवाल भी नहीं खड़ा होता। आरजेडी संसद मनोज झा ने स्वीकार किया कि प्रशांत किशोर विपक्षी एकता को कमज़ोर करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने पहले कांग्रेस में घुसने की कोशिश की, लेकिन जब कांग्रेस ने उनको ढील नहीं दी तो वे प्रतिशोध का बदला लेने के लिए ममता बनर्जी से जा मिले।
ममता बनर्जी को सलाह है कि वे विपक्ष को मजबूत करने का काम करें न की भाजपा को। राकांपा के एक वरिष्ठ नेता ने साफ-साफ कहा कि बिना कांग्रेस के समग्र विपक्ष की परिकल्पना बेमानी है। उनका साफ़ मत था कि शरद पवार की भले ही ममता से मुलाक़ात हुई हो लेकिन वे भी कांग्रेस को विपक्ष का प्रमुख चेहरा मानते हैं।
इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कांग्रेस के बिना गठबंधन पर विचार कर रही हैं। राउत ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में अपने साप्ताहिक स्तंभ 'रोखठोक' में यह भी दावा किया कि बनर्जी ने कहा है कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) महाराष्ट्र में सियासी आजमाइश नहीं करेगी।
उल्लेखनीय है कि टीएमसी नेतृत्व ने शनिवार को कहा था कि वह एक वैकल्पिक मोर्चा बनाना जारी रखेगी क्योंकि कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ "लड़ाई का नेतृत्व करने में विफल" रही है। बनर्जी ने अपनी हालिया मुंबई यात्रा के दौरान कहा था कि "अब कोई संप्रग (यूपीए) नहीं है।”
शुक्रवार को टीएमसी के मुखपत्र 'जागो बांग्ला' में कांग्रेस पर नये सिरे से हमला करते हुए कहा गया था कि वह 'डीप फ्रीजर' में चली गई है। हाल में 'जागो बांग्ला' में यह भी दावा किया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी नहीं बल्कि ममता बनर्जी विपक्ष के चेहरे के रूप में उभरी हैं।