पश्चिम बंगालः NRC और CAA के खिलाफ कैंपेन चलाने पर हाईकोर्ट सख्त, ममता सरकार को दिया ये निर्देश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 23, 2019 02:32 PM2019-12-23T14:32:05+5:302019-12-23T15:39:27+5:30
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) से जुड़े सभी मीडिया अभियानों पर रोक लगाने का निर्देश दिया।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) से जुड़े सभी मीडिया अभियानों पर रोक लगाने का निर्देश दिया। नागरिकता संशोधन कानून पारित होने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि वो इसे अपने राज्य में लागू नहीं करेंगी। इसको लेकर विज्ञापन भी दिए गए थे।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) से जुड़े सभी तरह के मीडिया अभियानों पर रोक लगाने का सोमवार को निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने अदालत के अंतिम आदेश देने तक राज्य सरकार को सीएए को लेकर चलाए जा रहे सभी तरह के अभियानों पर रोक लगाने का निर्देश दिया।
अदालत ने साथ ही राज्य सरकार से याचिकाकर्ता के उस दावे पर भी विस्तृत जवाब मांगा कि सार्वजनिक पैसों के इस्तेमाल से सीएए के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। पीठ मामले में अगली सुनवाई नौ जनवरी को करेगी। अदालत मीडिया के विभिन्न रूपों में सीएए के खिलाफ राज्य के अभियान, कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने जैसे मुद्दों पर सुनवाई कर रही है।
महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने अदालत में तर्क दिया कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है और इंटरनेट सेवाओं पर लगी रोक हटा ली गई है। पीठ ने रेलवे को भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों और हिंसक प्रदर्शनों के दौरान हुए नुकसान की कीमत के बारे में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है।