'राफेल का भारत में स्वागत, लेकिन कीमत 1670 करोड़ रुपये क्यों?', कांग्रेस का मोदी सरकार से सवाल

By स्वाति सिंह | Updated: July 29, 2020 17:57 IST2020-07-29T17:54:20+5:302020-07-29T17:57:56+5:30

अपनी हवाई सीमाओं की सुरक्षा को चाक-चौबंद करने की दिशा में बुधवार को भारत उस समय एक कदम और आगे बढ़ गया जब रूस से सुखोई विमानों की खरीद के करीब 23 साल बाद, नये और अत्याधुनिक पांच राफेल लड़ाकू विमानों का बेड़ा फ्रांस से आज यहां, देश के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अंबाला एयर बेस पर पहुंच गया।

Welcome to Rafale in India, but why is it worth Rs 1670 crore?', Congress questions Modi government | 'राफेल का भारत में स्वागत, लेकिन कीमत 1670 करोड़ रुपये क्यों?', कांग्रेस का मोदी सरकार से सवाल

रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘राफेल का भारत में स्वागत ! वायुसेना के जाबांज लड़ाकों को बधाई।’’ 

Highlightsकांग्रेस ने बुधवार को राफेल लड़ाकू विमानों के पहले जत्थे के भारत आने का स्वागत कियासाथ ही कहा कि 526 करोड़ रुपये का विमान 1670 करोड़ रुपये में क्यों खरीदा गया।

नयी दिल्ली:कांग्रेस ने बुधवार को राफेल लड़ाकू विमानों के पहले जत्थे के भारत आने का स्वागत किया और साथ ही यह भी कहा कि हर देशभक्त को यह पूछना चाहिए कि 526 करोड़ रुपये का विमान 1670 करोड़ रुपये में क्यों खरीदा गया। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘राफेल का भारत में स्वागत ! वायुसेना के जाबांज लड़ाकों को बधाई।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘आज हर देशभक्त यह ज़रूर पूछे कि 526 करोड़ रुपये का एक राफेल अब 1670 करोड़ रुपये में क्यों ? 126 राफेल की बजाय 36 राफेल ही क्यों ? मेक इन इंडिया के बजाय मेक इन फ्रांस क्यों ? 5 साल की देरी क्यों ?’’ भारतीय वायु सेना के लिए ऐतिहासिक क्षणों के बीच बुधवार को राफेल लड़ाकू विमानों का पहला जत्था भारत पहुंच गया। फ्रांस से खरीदे गए ये राफेल लड़ाकू विमान अंबाला एयरबेस पर उतरे। 

अंबाला एयरबेस पर पहुंचे पांच राफेल लड़ाकू विमान

अपनी हवाई सीमाओं की सुरक्षा को चाक-चौबंद करने की दिशा में बुधवार को भारत उस समय एक कदम और आगे बढ़ गया जब रूस से सुखोई विमानों की खरीद के करीब 23 साल बाद, नये और अत्याधुनिक पांच राफेल लड़ाकू विमानों का बेड़ा फ्रांस से आज यहां, देश के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अंबाला एयर बेस पर पहुंच गया।

इन विमानों के, वायुसेना में शामिल होने के बाद देश को आस-पड़ोस के प्रतिद्वंद्वियों की हवाई युद्धक क्षमता पर बढ़त हासिल हो जाएगी। निर्विवाद ट्रैक रिकॉर्ड वाले इन राफेल विमानों को दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। फ्रांस के बोरदु शहर में स्थित मेरिगनेक एयरबेस से 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करके ये विमान आज दोपहर हरियाणा में स्थित अंबाला एयरबेस पर उतरे। राफेल विमानों के भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद दो सुखोई 30एमकेआई विमानों ने उनकी आगवानी की और उनके साथ उड़ते हुए अंबाला तक आए। 

राफेल के भारत पहुंचने पर मोदी ने कहा ’स्वागतम्’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप के रूप में पांच विमानों का बेड़ा फ्रांस से बुधवार को अंबाला वायुसेना स्टेशन पहुंचने पर उनका स्वागत किया और कहा कि देश की रक्षा के समान न तो कोई पुण्य, न कोई व्रत और न ही कोई यज्ञ है। मोदी ने संस्कृत में ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं, राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्, राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च।। नभः स्पृशं दीप्तम्...स्वागतम्!।’’

इसका अर्थ है, ‘‘राष्ट्र रक्षा के समान कोई पुण्य नहीं है, राष्ट्र रक्षा के समान कोई व्रत नहीं है, राष्ट्र रक्षा के समान कोई यज्ञ नहीं है, नहीं हैं, नहीं है।’’ मोदी ने ट्वीट के साथ अंबाला वायुसेना स्टेशन पर राफेल विमानों के उतरने का वीडियो भी साझा किया है। 

Web Title: Welcome to Rafale in India, but why is it worth Rs 1670 crore?', Congress questions Modi government

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