Weather Alert: पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश की चेतावनी, जानें दिल्ली-एनसीआर में कब मिलेगी राहत
By निखिल वर्मा | Updated: May 26, 2020 15:47 IST2020-05-26T15:46:31+5:302020-05-26T15:47:16+5:30
उत्तर भारत में राहत केवल 28 मई के बाद ही मिल सकती है जब पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश हो सकती है।

लोकमत फाइल फोटो
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पूर्वोत्तर भारत में अगले 5 दिनों में भारी बारिश की संभावना जताई है। आईएमडी ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से दक्षिण-पश्चिम हवाओं के तेज प्रवाह के कारण इन दोनों राज्यों में नमी बहुत बढ़ गई है। इसके चलते 26 से 28 मई के बीच असम और मेघालय में भारी बारिश होगी। वहीं पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भारी वर्षा होगी।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि असम और मेघालय में अगले तीन दिनों के लिए रेड अलर्ट की चेतावनी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में अधिकतम बारिश मई में और उसके बाद जून में होती है। मानसून की प्रगति चक्रवाती तूफान अम्फान से बाधित हो गयी थी और वह बुधवार (27 मई) से आगे बढ़ेगा।
आईएमडी के अनुसार मानसून के सामान्य तिथि से चार दिन बाद पांच जून को केरल पहुंचने की संभावना है। महापात्रा ने कहा कि 30 मई से अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र भी बन रहा है। कम दबाव का क्षेत्र किसी भी चक्रवात का पहला चरण होता है। हालांकि, यह आवश्यक नहीं है कि प्रत्येक कम दबाव क्षेत्र चक्रवात में ही बदल जाए। आईएमडी ने केरल व कर्नाटक के तटों पर मछुआरों को आगाह किया है कि वे 30 मई से चार जून के बीच गहरे समुद्र में नहीं जाएं।
उत्तर भारत में गर्मी से झुलसे लोग
उत्तर भारत में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्थान में भारी गर्मी पड़ रही है। कई जगहों पर पारा 47 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया है। 28 मई तक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, विदर्भ और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में लू की स्थिति के साथ ही छिटपुट इलाकों में भीषण लू की स्थिति बनी रहेगी।
28 मई से उत्तर भारत में राहत के आसार
उत्तर भारत में राहत केवल 28 मई के बाद ही मिल सकती है जब पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश हो सकती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार उत्तर भारत के अनेक हिस्सों में 29-30 मई को धूल भरी आंधी चलने और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है जिससे लू के प्रकोप से राहत मिल सकती है।
इस अवधि में हवा की रफ्तार भी करीब 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है जिससे भीषण गर्मी से राहत मिलेगी। पश्चिमी विक्षोभ एक चक्रवाती तूफान है जो भूमध्यसागर से पैदा होकर मध्य एशिया में से गुजरता है। हिमालय के संपर्क में आने पर इससे पहाड़ों और मैदानों पर बारिश होती है।