हमें अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति आभार प्रकट करना चाहिये : न्यायालय

By भाषा | Published: April 30, 2021 09:58 PM2021-04-30T21:58:47+5:302021-04-30T21:58:47+5:30

We should express our gratitude to the health workers of the Front Front: Court | हमें अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति आभार प्रकट करना चाहिये : न्यायालय

हमें अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति आभार प्रकट करना चाहिये : न्यायालय

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि डॉक्टर, नर्स और अन्य अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य देखभालकर्मी कोविड-19 महामारी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और यह उनके प्रति कृतज्ञता जताने का सही वक्त है।

न्यायालय ने कहा कि केंद्र उन्हें मुआवजा प्रदान करने पर विचार कर सकता है।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एल एन राव और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट की पीठ ने कहा कि वे एक चिकित्सक को जानते हैं जिन्हें उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश भलीभांति जानते हैं और वह कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद कल अस्पताल में बिस्तर पाने के लिये संघर्ष कर रहे थे।

पीठ ने कहा, ‘‘आपको (केंद्र को) हर पहलू पर विचार करना है। आप उन्हें मुआवजा देने पर भी विचार कर सकते हैं। वे (स्वास्थ्यकर्मी) बीमार पड़ रहे हैं। वे इस मानवीय संकट के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनमें से कुछ ने जान भी गंवाई है। हमारा मानना है कि उनके प्रति आभार जताने का यह उचित वक्त है।’’

न्यायमूर्ति भट्ट ने कहा कि वह किसी पर दोषारोपण नहीं कर रहे हैं, लेकिन सोचते हैं कि इन स्वास्थ्यकर्मियों के लिये और करने की आवश्यकता है।

पीठ ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि स्वास्थ्य क्षेत्र चरमराने की स्थिति में पहुंच गया है। अस्पताल हैं, लेकिन डॉक्टरों की कमी है। बिस्तर बढ़ाए जा रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है। हम सेवानिवृत्त स्वास्थ्यकर्मियों को इस संकट से निकलने के लिये फिर से नियुक्त कर सकते हैं। हमें यह देखने की आवश्यकता है कि कोविड से संक्रमित हो रहे डॉक्टरों और चिकित्सकों को कैसे बचाया जा सकता है।’’

पीठ महमारी के दौरान आवश्यक आपर्ति और सेवाएं सुनिश्चित करने के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेकर एक मामले पर सुनवाई कर रही थी। उसने सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता से स्वास्थ्यकर्मियों को और धन का भुगतान तथा उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा।

न्यायमूर्ति भट्ट ने कहा कि उन्होंने कहीं पढ़ा है कि तकरीबन 25000 चिकित्सक और नर्स काम करने के इच्छुक हैं और ‘‘मेरा मानना है कि उनकी सेवाओं का इस्तेमाल किया जाना चाहिये।’’

मेहता ने पीठ की बातों से सहमति जताते हुए कहा कि डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं और उनकी तहेदिल से सराहना की जानी चाहिये।

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