महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच जारी गतिरोध के बीच नेताओं की बयानबाजियां जारी हैं। शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी को 170 विधायकों का समर्थन हासिल है।
राउत ने बीजेपी के साथ जारी खींचतान के बीच रविवार को एएनआई से कहा, '170 से ज्यादा विधायक हमारा (शिवसेना) समर्थन कर रहे हैं और ये आंकड़ा 175 तक भी पहुंच सकता है।' महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं, जबकि बहुमत के लिए 145 सीटें होना आवश्यक हैं।
राउत का ये बयान ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों नतीजे (24 अक्टूबर) आने के करीब 10 दिन बाद भी दोनों पार्टियां सरकार गठन के लिए बातचीत की टेबल तक नहीं पहुंच पाई हैं।
बीजेपी-शिवसेना के बीच जारी है नई सरकार गठन को लेकर बयानबाजियां
इससे पहले शनिवार को भी दोनों पार्टियों के बीच तब तल्खी देने को मिली थी, जब फड़नवीस सरकार में मंत्री रहे और वरिष्ठ बीजेपी नेता सुधीर सुधीर मुनगंटीवार के 7 नंवबर तक महाराष्ट्र में सरकार गठित न होने पर राष्ट्रपति शासन लगने पर नाराजगी जताते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र में लिखा कि क्या राष्ट्रपति बीजेपी की जेब में है?
बीजेपी नेता के इस बयान पर संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी जल्दी ही 'देखो और इंतजार' करों की नीति छोड़ देगी।
राउत ने कहा, 'राष्ट्रपति शासन की धमकी सत्ता में आने के लिए दी गई है। राष्ट्रपति शासन की धमकी से कोई सत्ता में कैसे आ सकता है?' उन्होंने कहा, 'क्या ये धमकी सत्ता में आने की सभी कोशिशें बेकार होने के बाद दी गई है।'
हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देवेंद्र फड़नवीस ने शिवसेना को मनाने के लिए बीजेपी की तरफ से नया प्रस्ताव दिया है। इसके तहत बीजेपी शिवसेना को मंत्री पदों के विभाजन में 50: 50 हिस्सेदारी देने को तैयार है।
बदले में शिवसेना ने भी रोटेशनल मुख्यमंत्री की मांग छोड़ने के संकेत दिए हैं। इस मामले पर आगे बातचीत के लिए अगले एक-दो दिन में फड़नवीस और उद्धव के बीच बातचीत हो सकती है।
एनसीपी नेताओं की मुंबई में बैठक
वहीं कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली एनसीपी प्रमुख शरद पवार रविवार को मुंबई में पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बीजेपी के साथ बात न बनने पर शिवसेना के एनसीपी के साथ जाने की भी अटकलें लगाई जा रही हैं।