Republic Day Parade: गणतंत्र दिवस पर बंगाल की झांकी शामिल न किए जाने पर ममता बनर्जी नाराज, पीएम मोदी को लिखा पत्र
By रुस्तम राणा | Published: January 16, 2022 05:45 PM2022-01-16T17:45:14+5:302022-01-16T17:45:14+5:30
उन्होंने पीएम को पत्र में लिखा, यह हमारे लिए और भी चौंकाने वाली बात है कि झांकी को बिना कोई कारण बताए खारिज कर दिया गया। सीएम ने पत्र लिखकर परेड में पश्चिम बंगाल के स्वतंत्रता सेनानियों की झांकी को शामिल करने का अनुरोध किया है।
कोलकाता: गणतंत्र दिवस परेड पर पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल न किए जाने पर सियासत गर्म हो गई है। इससे नाराज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। सीएम ममता बनर्जी ने रविवार को पीएम मोदी को पत्र लिखकर उनसे गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल की प्रस्तावित झांकी को बाहर करने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।
उन्होंने पीएम को पत्र में लिखा, यह हमारे लिए और भी चौंकाने वाली बात है कि झांकी को बिना कोई कारण बताए खारिज कर दिया गया। सीएम ने पत्र लिखकर परेड में पश्चिम बंगाल के स्वतंत्रता सेनानियों की झांकी को शामिल करने का अनुरोध किया है।
West Bengal CM Mamata Banerjee writes to PM Modi over the "rejection of proposed tableau of West Bengal for the ensuing Republic Day Parade" and requests to "include the tableau of freedom fighters from West Bengal in the parade" pic.twitter.com/2vtVEA2Hoe
— ANI (@ANI) January 16, 2022
ममता बनर्जी ने कहा, प्रस्तावित झांकी में सुभाष चंद्र बोस और एनआईए की 125वीं जयंती के अवसर पर बंगाल झांकी के जरिये स्वतंत्रता सेनानियों, बंगाल के क्रांतिकारियों, खासकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भूमिका को उजागर करना चाहता था
सीएम आगे कहा, झांकी में नेताजी के ध्वजारोहण से रवींद्रनाथ-सुभाष युगल की एक जोड़ी दिखाई गई। आजाद हिंद वाहिनी का इतिहास भी था। इसमें ईश्वरचंद्र विद्यासागर, स्वामी विवेकानंद, देशबंधु चित्तरंजन दास, श्री अरविंदो, मांतगिनी हाजरा, नजरूल और बिरसा मुंडा जैसी हस्तियों को चित्रित किया गया था।
पत्र में उन्होंने लिखा कि बंगाल के लोग केंद्र सरकार के रवैये के कारण बहुत ही दुखी हैं। बंगाल के लोग स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में अग्रणी पंक्ति में थे और देश के विभाजन के बाद स्वतंत्रता की भारी कीमत चुकाई थी। यह बहुत ही दुखद है कि स्वतंत्रता सेनानियों को स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कोई भी स्थान नहीं मिला है।