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कूड़ा निस्तारण में चूक को लेकर बिहार के 1,800 स्वास्थ्य केंद्रों को बंद करने की चेतावनी, 60 दिन की तेजस्वी यादव ने दी थी डेडलाइन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 8, 2022 16:18 IST

बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष ने कहा कि राज्य के छह जिलों में इन केंद्रों को निपटान के लिए निर्धारित नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए 15 दिनों की मोहलत के साथ ‘‘बंद करने का प्रस्तावित निर्देश’’ दिया जा रहा है।

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ठळक मुद्देबीएसपीसीबी ने मंगलवार को राज्य के 1,800 स्वास्थ्य केंद्रों को बंद करने के लिए नोटिस जारी किया है। पटना में सबसे अधिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में नियमों को ताक पर रखा जा रहा है।बीएसपीसीबी ने 15 दिनों की मोहलत के साथ ‘‘बंद करने का प्रस्तावित निर्देश’’ दिया जा रहा है।

पटनाः बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (बीएसपीसीबी) ने मंगलवार को राज्य के 1,800 स्वास्थ्य केंद्रों को बंद करने के लिए नोटिस जारी किया है। बोर्ड ने ये नोटिस जैव चिकित्सा अपशिष्ट निपटान के लिए निर्धारित मानदंडों का पालन करने में विफल रहने पर जारी किया है। इन केंद्रो को बीएसपीसीबी ने 15 दिन की मोहलत दी है। बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष ने कहा कि राज्य के छह जिलों में इन केंद्रों को निपटान के लिए निर्धारित नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए 15 दिनों की मोहलत के साथ ‘‘बंद करने का प्रस्तावित निर्देश’’ दिया जा रहा है।

करीब एक महीने पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि अस्पतालों में साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा था “हम लोग की लड़ाई पहले से थी कि पढ़ाई, दवाई, सुनवाई और सिंचाई वाली सरकार होनी चाहिए। अस्पताल में लोग स्वस्थ होने के लिए जाते हैं। हमारा निर्देश है कि कोई अस्पताल जाए तो साफ़ सफाई हो, दवा मुफ्त हो, डॉक्टर उपलब्ध हो, बेसिक हेल्थ की चीजें लोगों तक पहुंचे। इन सब बेसिक जरूरतों को पूरा करने के लिए हमने स्वास्थ्य अधिकारियों को 60 दिनों का टारगेट दिया है।”

बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष ने कहा, ‘‘यदि ये 1800 स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं या केंद्र राज्य में सामान्य जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उपचार सुविधाओं (सीबीडब्ल्यूटीएफ) में चिकित्सा अपशिष्ट के वैज्ञानिक भंडारण, परिवहन और उपचार से संबंधित मानदंडों का पालन करने में विफल रहते हैं, तो बीएसपीसीबी उन्हें बंद करने का आदेश देगा।’’ घोष ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘बोर्ड बिजली वितरण कंपनियों से इन स्वास्थ्य इकाइयों को ऐसी परिस्थितियों में बिजली आपूर्ति बंद करने का भी अनुरोध करेगा।’’

इन जिलों में सबसे अधिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में नियमों को ताक पर रखा गया

उन्होंने कहा कि पटना में सबसे अधिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में नियमों को ताक पर रखा जा रहा है, इसके अलावा भोजपुर, बक्सर, नालंदा, रोहतास और कैमूर जिले भी इसमें शामिल हैं। घोष ने कहा कि बोर्ड को यह ‘‘कठोर कदम’’ उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि बार-बार याद दिलाने के बावजूद, चिकित्सा केंद्रों ने इसमें बदलाव नहीं किया। बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘संबंधित जिलाधिकारियों (डीएम) को उनके संबंधित जिलों में इन दोषी चिकित्सा केंद्रों को नोटिस भेजे जाने की सूचना दी गई है।’’

बीएसपीसीबी के वैज्ञानिक डॉ नवीन कुमार ने कहा कि कचरा निपटान नियमों का पालन न करने से मानव और पर्यावरण को गंभीर खतरा हो सकता है। कुमार ने कहा, ‘‘राज्य में सभी चिकित्सा प्रतिष्ठानों को जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 का पालन करना आवश्यक है। नियमों का पालन न करना एक गंभीर अपराध है।’’

टॅग्स :बिहारतेजस्वी यादव
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