Waqf Bill 2025: वक्फ बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस, जानिए पार्टी के विरोध की वजह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 4, 2025 11:46 IST2025-04-04T11:45:25+5:302025-04-04T11:46:11+5:30
Waqf Bill 2025: लोकसभा में देर रात ये बिल पास हुआ तो इसके पक्ष 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े।

Waqf Bill 2025: वक्फ बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस, जानिए पार्टी के विरोध की वजह
Waqf Bill 2025: केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया वक्फ संशोधन विधेयक 2025 दोनों सदनों में पास करा लिया है। मगर कांग्रेस और अन्य दलों ने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। इस बिल के विरोध में विपक्षी दल लगातार बयानबाजी कर रहे है। इस बीच, कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि वह संसद में पारित ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025’ की संवैधानिकता को ‘‘बहुत जल्द’’ उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी।
राज्यसभा ने वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता बढ़ाने सहित कई महत्वपूर्ण प्रावधानों वाले ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी। इसी के साथ संसद में यह विधेयक पारित हो गया। लोकसभा ने बुधवार देर रात करीब दो बजे इस विधेयक को पारित कर दिया था।
The INC's challenge of the CAA, 2019 is being heard in the Supreme Court.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 4, 2025
The INC's challenge of the 2019 amendments to the RTI Act, 2005 is being heard in the Supreme Court.
The INC’s challenge to the validity of the amendments to the Conduct of Election Rules (2024) is being…
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ ‘कांग्रेस वक्फ (संशोधन) विधेयक की संवैधानिकता को उच्चतम न्यायालय में बहुत जल्द चुनौती देगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘...हम भारत के संविधान में निहित सिद्धांतों, प्रावधानों और परंपराओं पर मोदी सरकार के सभी हमलों का विरोध करते रहेंगे।’’
रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने ‘नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) 2019’ को चुनौती दी जिस पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई जारी है। उन्होंने कहा कि ‘आरटीआई (सूचना का अधिकार) अधिनियम, 2005’ में 2019 के संशोधनों को भी कांग्रेस ने चुनौती दी जिस पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई जारी है।
Waqf Board Amendment Bill के बारे में देश में ऐसा माहौल बना है कि Minorities को तंग करने के लिए ये बिल लाया गया है।
— Mallikarjun Kharge (@kharge) April 4, 2025
लोकसभा में देर रात ये बिल पास हुआ तो इसके पक्ष 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े। ऐसा क्यों हुआ? इसका मतलब बिल में बहुत खामियां हैं।
इसी से अंदाजा लगा सकते है कि… pic.twitter.com/VXamb3KW35
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ ‘निर्वाचन का संचालन नियम (2024)’ में संशोधनों की वैधता को कांग्रेस ने चुनौती दी और उसकी उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हो रही है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ ‘उपासना स्थल अधिनियम, 1991’ की मूल भावना को बनाए रखने संबंधी कांग्रेस की याचिका पर उच्चतम न्यायलय में सुनवाई की जा रही है।’’
3 अप्रैल को देर रात तक राज्यसभा में बहस के बाद आखिरकार 13 घंटों की मेहनत के बाद सरकार के पक्ष में 128 वोट पड़े जिसके बाद बिल को पास करा लिया गया है।
विधेयक अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास उनकी मंजूरी के लिए जाएगा, जो कानून बनने से पहले का अंतिम चरण है। विधेयक के पारित होने के दौरान मुख्य रूप से एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच कड़ी बहस हुई, जिसमें प्रस्तावित विधायी परिवर्तनों पर अलग-अलग विचार सामने आए। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संशोधन विभिन्न हितधारकों के सुझावों के आधार पर तैयार किए गए थे। सरकारी निकायों की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति पर जोर देते हुए, रिजिजू ने कहा, "वक्फ बोर्ड एक वैधानिक निकाय है। सभी सरकारी निकायों को धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए।"
इससे पहले लोकसभा में बिल को पास कराया गया था। लोकसभा में 288 मतों और 232 मतों के साथ विधेयक पारित हुआ।
इंडिया ब्लॉक में पार्टियों ने विधेयक का विरोध करने का फैसला किया था और उनके सदस्यों ने उसी के अनुसार मतदान किया। उन्होंने कुछ संशोधनों पर मत विभाजन के लिए भी दबाव डाला। एक संशोधन को अस्वीकार कर दिया गया, जिसके पक्ष में 231 और विपक्ष में 238 मत पड़े। संशोधित विधेयक सरकार द्वारा संयुक्त संसदीय समिति की सिफारिशों को शामिल करने के बाद लाया गया था, जिसने पिछले साल अगस्त में पेश किए गए कानून की जांच की थी।