Waqf Amendment Bill: भाजपा की नजर वक्फ की जमीन पर और अगला निशाना मंदिर ट्रस्ट, गिरजाघरों, गुरुद्वारों के पास की जमीन पर, उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर किया वार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 3, 2025 22:43 IST2025-04-03T22:42:46+5:302025-04-03T22:43:56+5:30

Waqf Amendment Bill: भाजपा और विधेयक का समर्थन करने वाले उसके सहयोगी दलों द्वारा मुस्लिम समुदाय के प्रति दिखाई गई चिंता पाकिस्तान के संस्थापक (मुहम्मद अली) जिन्ना को भी शर्मिंदा कर देगी।

Waqf Amendment Bill live Uddhav Thackeray attacks BJP its eyes Waqf land next target land near temple trusts, churches and gurudwaras | Waqf Amendment Bill: भाजपा की नजर वक्फ की जमीन पर और अगला निशाना मंदिर ट्रस्ट, गिरजाघरों, गुरुद्वारों के पास की जमीन पर, उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर किया वार

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Highlightsवक्फ की जमीन पर है, लेकिन मंदिर ट्रस्ट, गिरजाघरों, गुरुद्वारों के पास भी जमीन है।आपकी नजर हम (हिंदू मंदिरों की जमीन) पर भी हो सकती है। यह विधेयक सिर्फ जमीन के लिए लाया गया है। वक्फ (संशोधन) विधेयक का हिंदुत्व से क्या संबंध है? इससे हिंदुओं को क्या लाभ होगा?

Waqf Amendment Bill: शिवसेना (उबाठा) के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि केंद्र सरकार की नजर वक्फ बोर्ड की जमीन पर है और अगला निशाना मंदिरों, गिरजाघरों और गुरुद्वारों की जमीन हो सकती है। उद्धव ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पारित होने के कुछ घंटे बाद यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी इस विधेयक पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कपटपूर्ण रुख और ‘‘वक्फ की जमीन छीनकर अपने उद्योगपति मित्रों को देने की उसकी चाल’’ का विरोध करती है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा और विधेयक का समर्थन करने वाले उसके सहयोगी दलों द्वारा मुस्लिम समुदाय के प्रति दिखाई गई चिंता पाकिस्तान के संस्थापक (मुहम्मद अली) जिन्ना को भी शर्मिंदा कर देगी।’’

उद्धव की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने शिवसेना (उबाठा) पर वक्फ (संशोधन) विधेयक का समर्थन न करके हिंदुत्व और पार्टी संस्थापक बाल उद्धव के आदर्शों को त्यागने का आरोप लगाया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आपकी नजर वक्फ की जमीन पर है, लेकिन मंदिर ट्रस्ट, गिरजाघरों, गुरुद्वारों के पास भी जमीन है।

आपकी नजर हम (हिंदू मंदिरों की जमीन) पर भी हो सकती है। यह विधेयक सिर्फ जमीन के लिए लाया गया है। हमने इस कपट का विरोध किया है।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘अगर वक्फ विधेयक मुस्लिम समुदाय की बेहतरी के लिए है, तो इसे लाकर किसने हिंदुत्व को त्यागा है। वक्फ (संशोधन) विधेयक का हिंदुत्व से क्या संबंध है? इससे हिंदुओं को क्या लाभ होगा?’’

हालांकि, उद्धव ने स्वीकार किया कि विधेयक में कुछ अच्छी बातें हैं और कहा कि उनकी पार्टी नकारात्मक राजनीति का समर्थन नहीं करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘पारदर्शिता होनी चाहिए।’’ उद्धव ने कहा कि भाजपा ने केंद्र में लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल की है और चीजें सामान्य हैं, फिर भी वह हिंदू-मुस्लिम मुद्दे को उठा रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की नीति फूट डालना, लड़ाई करवाना और राज करना है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश को अमेरिकी शुल्क के आसन्न खतरे और इससे निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताना चाहिए था। उन्होंने कहा कि संसद के दोनों सदनों को अन्य सभी कार्यों को स्थगित कर भारत पर अमेरिकी शुल्क के प्रभाव पर चर्चा करनी चाहिए थी। उद्धव ने भाजपा को चुनौती दी कि अगर वह मुसलमानों को नापसंद करती है, तो अपने झंडे से हरा रंग हटा दे।

उद्धव ने कहा कि महाराष्ट्र में 1995 से 1999 तक जब शिवसेना-भाजपा गठबंधन की सरकार थी, तब उनके पिता और शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर जोशी और उपमुख्यमंत्री गोपीनाथ मुंडे से पूजा स्थलों को अतिरिक्त एफएसआई (किसी भूखंड पर अनुमेय निर्माण घनत्व निर्धारित करने वाला पैमाना) देने के लिए कहा था।

उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा,‘‘आप तब बच्चे थे। हमें बाल ठाकरे के आदर्शों के बारे में मत सिखाइए।’’ शिवसेना (उबाठा) नेता ने प्रतिद्वंद्वी शिवसेना नेता और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस आरोप का भी खंडन किया कि उनकी पार्टी ने सहयोगी कांग्रेस के दबाव के कारण वक्फ विधेयक का विरोध करने का फैसला किया है।

उद्धव ठाकरे के बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिंदे ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक पर शिवसेना (उबाठा) के विरोध ने उसके ‘नकली हिंदुत्व’ को उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना(उबाठा)के इस फैसले ने यह साबित कर दिया है कि उसने बाल ठाकरे के आदर्शों को त्याग दिया है।

शिंदे ने दावा किया कि शिवसेना (उबाठा)के रुख से उसके सांसदों को शर्मिंदगी उठानी पड़ी। उन्होंने कहा, ‘‘यह शिवसेना (उबाठा) के लिए दुर्भाग्यपूर्ण दिन था।’’ उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध कर उद्धव ठाकरे ने 2019 में कांग्रेस से हाथ मिलाने से भी बड़ा अपराध किया है।

शिंदे ने जून 2022 में ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर शिवसेना को विभाजित कर दिया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष और राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि ठाकरे के संवाददाता सम्मेलन से उनकी उलझन, अलग-थलग होने और निराशा की स्थिति का संकेत मिलता है। बावनकुले ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उद्धव ठाकरे के संवाददाता सम्मेलन से यह स्पष्ट हो गया है कि वह कितने अनिश्चित और हतोत्साहित हैं। कम से कम हमें यह देखने को मिला कि वह किस अनिर्णय की स्थिति में हैं।’’

भाजपा नेता ने शिवसेना (उबाठा)के सांसद संजय राउत पर भी कटाक्ष करते हुए दावा किया कि उनका उद्देश्य पूरा हो गया है। बावनकुले ने कहा, ‘‘आपका ‘संजय राउत-सम्मोहन’ अब पूरा हो चुका है। एक तरफ ठाकरे दृढ़ रुख नहीं अपना पा रहे हैं और दूसरी तरफ वे चाटुकारिता भी नहीं छोड़ पा रहे हैं। वे पूरी तरह दुविधा की स्थिति में हैं।’’

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