Waqf Amendment Bill: देश में कुल 8.72 लाख वक्फ संपत्ति हैं?, मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा-क्या सीएए लागू होने के बाद मुस्लिमों का अधिकार छिना है?, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: April 2, 2025 15:38 IST2025-04-02T15:36:59+5:302025-04-02T15:38:30+5:30
Waqf Amendment Bill: वक्फ संपत्तियों को बेकार नहीं पड़े रहने नहीं दिया जा सकता। गरीब और आम मुसलमानों के लिए इसका इस्तेमाल करना ही होगा।

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नई दिल्लीः केंद्र सरकार द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को फिर से पेश किए जाने के बीच लोकसभा सत्र चल रहा है। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और अभिनेता के पवन कल्याण की जन सेना पार्टी ने विधेयक का समर्थन करने का वादा किया है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने निचले सदन में चर्चा और पारित होने के लिए विधेयक पेश किया है। रिजिजू ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा भारतीय संसद के इतिहास में अभूतपूर्व रही है। रिजिजू ने कहा, "दोनों सदनों की संयुक्त समिति में वक्फ संशोधन विधेयक पर जितनी चर्चा हुई है, उतनी भारत के संसदीय इतिहास में अब तक कभी नहीं हुई। मैं संयुक्त समिति के सभी सदस्यों को धन्यवाद और बधाई देता हूं।"
#WATCH | After introducing the Waqf Amendment Bill in Lok Sabha, Parliamentary Affairs Minister Kiren Rijiju says "...I told you about Sundereshwar temple. When no other religion existed, the Surendereshwar temple was there in Tiruchenthurai village in Tamil Nadu. The temple was… pic.twitter.com/FR2aQMNoWn
— ANI (@ANI) April 2, 2025
#WATCH | After introducing the Waqf Amendment Bill in Lok Sabha, Parliamentary Affairs Minister Kiren Rijiju says "...This provision is being made in the government that when you create Waqf property, it should not happen that you go to a tribal area and create Waqf on tribal… pic.twitter.com/clSW7N8lOu— ANI (@ANI) April 2, 2025
रीजीजू ने कहा, ‘‘देश इसे कभी मंजूर नहीं कर सकता। वक्फ संपत्तियों को बेकार नहीं पड़े रहने नहीं दिया जा सकता। गरीब और आम मुसलमानों के लिए इसका इस्तेमाल करना ही होगा।’’ उन्होंने कहा कि आज देश में कुल 8.72 लाख वक्फ संपत्ति हैं। रीजीजू ने कहा कि इस विधेयक में यह महत्वपूर्ण प्रावधान रखा गया है कि महिलाओं और बच्चों के अधिकार सुरक्षित करके ही वक्फ बनाया जा सकता है।
वहीं आदिवासियों की जमीन को वक्फ संपत्ति नहीं बना सकते। उन्होंने कहा कि इस कानून की सबसे दमनकारी धारा किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने के प्रावधान वाली थी जिसका इस्तेमाल कुछ लोग अपने फायदे के लिए करते थे, गरीबों के लिए नहीं। रीजीजू ने कहा कि कानून में ऐसी ही कुछ विसंगतियां थीं जिसके लिए यह विधेयक लाया जा रहा है।
रीजीजू के मुताबिक, विधेयक में वक्फ संपत्ति को संभालने वाले मुतवल्ली, उसके प्रशासन और उस पर निगरानी का एक प्रावधान है। रीजीजू ने कहा, ‘‘किसी भी तरीके से वक्फ बोर्ड वक्फ संपत्ति का प्रबंधन नहीं करता और उसमें हस्तक्षेप नहीं करता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार और वक्फ बोर्ड कभी किसी धार्मिक कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
#WATCH | After introducing the Waqf Amendment Bill in Lok Sabha, Parliamentary Affairs Minister Kiren Rijiju says "...This Bill is prospective and not retrospective...If today you (Congress) again try to mislead, and spread falsehoods, then you will have to face the truth. Then… pic.twitter.com/NnNjLXkGpL
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विधेयक में किसी मस्जिद के प्रबंधन में हस्तक्षेप का प्रावधान नहीं है।’’ उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘यह सामान्य तरीके से संपत्ति के प्रबंधन का मामला है। मुस्लिमों की जकात आदि धार्मिक भावनाओं से जुड़ी चीजों के बारे में पूछने वाले हम कौन होते हैं? अगर आपको यह बुनियादी अंतर नहीं समझ आता, या जानबूझकर नहीं समझना चाहते तो मेरे पास इसका कोई इलाज नहीं है।’’
रीजीजू ने केरल उच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड एक वैधानिक इकाई है और इसके मुतवल्ली की जिम्मेदारी धर्मनिरपेक्ष किस्म की है, धार्मिक किस्म की नहीं। मंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने एक फैसले में कहा था कि मंदिर की संपत्ति का प्रबंधन पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष है, धार्मिक नहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए बार-बार यह कहना कि मुसलमानों के हक में गैर-मुसलमान कैसे आ रहे हैं... यह तर्क ही नहीं बनता। यह बात बोलना बंद कीजिए।’’ उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक के कुछ प्रस्तावित प्रावधान गिनाते हुए कहा कि वक्फ वही बना सकता है जिसने कम से कम पांच साल इस्लाम की ‘प्रैक्टिस’ की हो।
उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड को धर्मनिरपेक्ष और समावेशी बनाया जा रहा है जिसमें शिया, सुन्नी और बोहरा आदि सभी के प्रतिनिधि होंगे। उन्होंने कहा कि इसमें पिछड़े मुसलमान, महिलाएं, गैर-मुस्लिम विशेषज्ञ भी रहेंगे। उन्होंने विपक्ष से विधेयक का समर्थन करने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘देश सदियों तक याद रखेगा कि किसने विधेयक का समर्थन किया और किसने नहीं।
70 साल तक आपने (विपक्ष ने) मुसलमानों को वोट बैंक के लिए गुमराह किया और कब तक ऐसा करेंगे। रीजीजू ने कहा कि इस कानून के लागू होने के बाद सबके मन में नए सवेरे की उम्मीद जागेगी और नए कानून का नाम भी ‘उम्मीद’ किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि देशभर में कई मुस्लिम संगठन, ईसाई संगठन इस विधेयक का समर्थन कर रहे हैं।
रीजीजू ने कहा कि इस विधेयक में सरकार राज्यों के कोई अधिकार नहीं लेने वाली, बल्कि सारे अधिकार राज्यों को दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वक्फ की परिभाषा में बदलाव का सबसे बड़ा परिणाम यह है कि मुसलमान अपनी वक्फ संपत्ति को बोर्ड के प्रावधान से संचालित करना चाहते हैं तो स्वागत है, और यदि ट्रस्ट के माध्यम से अलग से संचालित करना चाहते हैं तो उसकी छूट उन्हें है।
रीजीजू ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पर भी उन्होंने देश को गुमराह करने का प्रयास किया कि मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘क्या सीएए लागू होने के बाद मुस्लिमों का अधिकार छिना है? आपने देश में असत्य फैलाया। क्या आप इसके लिए माफी मांगेंगे?
दोबारा जनता को गुमराह करेंगे तो फिर मुंह की खाएंगे।’’ रीजीजू ने विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति में हुए विचार-विमर्श का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के संसदीय इतिहास में सबसे ज्यादा व्यापक चर्चा और सलाह मशविरा इस विधेयक पर हुआ है।
इससे पहले कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने विधेयक पर गैर-सरकारी संशोधन पेश करने के लिए कम समय दिए जाने का दावा किया, जिसे खारिज करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि उन्होंने सरकारी और गैर-सरकारी संशोधनों के लिए बराबर समय दिया है।