राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर दलगत भावना, क्षुद्र राजनीति से ऊपर उठना चाहिए: उपराष्ट्रपति नायडू
By भाषा | Published: August 15, 2019 03:42 AM2019-08-15T03:42:11+5:302019-08-15T03:42:11+5:30
पंजाब विश्वविद्यालय में पहले बलरामजी दास टंडन स्मृति व्याख्यान को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा, ‘‘हमें बड़े राष्ट्रीय मुद्दों पर सर्वसम्मति बनानी चाहिए। हम कोई नए राष्ट्र नहीं हैं।
चंडीगढ़, 14 अगस्त: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने का फैसला सही दिशा में उठाया गया कदम है और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर दलगत भावना से ऊपर उठना चाहिए और क्षुद्र राजनीति से बचना चाहिए । पंजाब विश्वविद्यालय में पहले बलरामजी दास टंडन स्मृति व्याख्यान को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा, ‘‘हमें बड़े राष्ट्रीय मुद्दों पर सर्वसम्मति बनानी चाहिए। हम कोई नए राष्ट्र नहीं हैं। हमें राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर दलगत भावना से ऊपर उठना चाहिए और क्षुद्र राजनीति से बचना चाहिए। यह समय की मांग है।’’
टंडन 1969-70 में पंजाब के उपमुख्यमंत्री थे और जुलाई 2014 में उन्हें छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया गया। पिछले साल 14 अगस्त को उनका निधन हो गया। अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू को दिए गए विशेष अधिकारों को समाप्त करने के विषय पर नायडू ने कहा कि उन्हें लोगों से प्रतिक्रिया मिली कि समूचा देश केंद्र के कदम के बाद ‘‘जश्न’’ मना रहा है। नायडू पंजाब विश्वविद्यालय के चांसलर भी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 (के अधिकतर प्रावधानों) को खत्म करना सही दिशा में उठाया गया कदम है। यह राष्ट्र की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करता है।’’ उपराष्ट्रपति ने कुछ पुरानी खबरों का संदर्भ दिया, जिसमें कहा गया था कि 1963 और 1964 में विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े कई सांसद जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के पक्ष में थे।
उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की भी तारीफ की, जिन्होंने भारतीय सेना के बारे में भड़काऊ ट्वीट करने वाले पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने का प्रयास बंद करने को कहा था।
नायडू ने कहा, ‘‘पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि हम एकजुट हैं और देश किसी भी स्थिति का मुकाबला करने को तैयार है। मैंने आज उनका बयान पढ़ा और मैं इस पर बहुत खुश हूं। यह समय है जब हमें एकजुट होना सीखना चाहिए और पंजाब के मुख्यमंत्री ने इसकी शानदार मिसाल पेश की।’’