नई दिल्ली, 1 अप्रैलः विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह रविवार को सी-17 विमान से इराक रवाना होंगे। वो वहां पर मारे गए 39 भारतीयों के अवशेष वापस लाने जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मृतकों के अवशेष के साथ राज्यमंत्री सोमवार या मंगलवार तक स्वदेश वापस आ सकते हैं। वापस आने पर वह शवों को उनके रिश्तेदारों को सौंपने के लिए सबसे पहले अमृतसर फिर पटना और कोलकाता जाएंगे। इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने वादा किया था कि मृतक भारतीयों के अवशेष एक हफ्ते के अंदर भारत लाए जाएंगे।
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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को राज्यसभा में इराक के बंधक भारतीयों की मौत की जानकारी दी। विदेश मंत्री ने बताया कि 2014 में इराक के मोसुल शहर से जिन 40 भारतीयों को आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने बंधक बनाया था उनमें से 39 की मौत हो चुकी है। एक बंधक भारतीय किसी तरह अपनी जान बचाकर भाग निकला था। बाकी बचे सभी 39 लोगों को मोसुल से बदूश ले जाया गया। वहां सभी का सामूहिक कत्ल करके दफना दिया गया।
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सूत्रों के हवाले से पहले भी ऐसी कई रिपोर्ट्स आ चुकी हैं जिसमें बंधक भारतीयों की मौत की पुष्टि की जा रही थी। लेकिन भारत सरकार बिना सबूतों के इसे मानने से इनकार करती रही। सुषमा स्वराज का कहना था कि इराक में लापता 39 भारतीयों को बिना सबूत मृत नहीं बताया जा सकता, ये पाप है। बता दें कि भारत में मोदी सरकार के गठन के बाद ही मई 2014 में इन भारतीयों को आतंकी संगठन आईएस ने बंधक बना लिया था।
मृतकों के परिवार वालों का क्या कहना है-
- इराक में मारे गए सुरजित कुमार की पत्नी ने कहा, मेरे पति 2013 में इराक गए थे और वह 2014 से लापता हैं। हमने सरकार से कोई डिमांड नहीं की। मेरा एक छोटा बच्चा है और सरकार से मुझे कोई सहायता नहीं मिली है।
- पति दविंदर सिंह की मौत की पुष्टि पर पत्नी मंजीत कौर रोते हुए बोलीं, 'मेरे पति 2011 में इराक गए थे और मेरी उनसे आखिरी बार बात 15 जून 2014 को हुई थी। सरकार ने हमें हमेशा यही कहा कि वह जिंदा हैं। हमारी सरकार से कोई मांग नहीं है।
- बिहार के इराक में मारे गए विद्या भूषण तिवारी के चाचा का कहना है, मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं क्या कहूं। मैं चार सालों से सरकार से यही मांग कर रहा हूं कि मेरे भतीजे को कैसे भी कर वापस बुलाया जाए लेकिन इस पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है और अचानक इस तरह की खबर आई है कि वह जिंदा नहीं है।
- इराक में मारे गए राजेश चंदन के पिता का कहना है कि मेरा बेटा 2013 में इराक गया और वह हर शुक्रवार हमसे फोन पर बात करता था। हमने सरकार से क्या मांगा था कुछ नहीं, हमने तो उसे पहले ही खो दिया था। राजेश चंदन हिमाचल प्रदेश के रहने वाले थे।
- इराक से एक भारतीय हरजीत मसीह जो किसी तरह बचकर भारत लौट आया था, उसका कहना था कि मैंने सरकार को पहले ही सच्चाई बता दी कि 39 लोग मारे गए हैं। सरकार ने 39 परिवार वालों को गुमाराह किया है।
- इस मामले में जालंधर से मारे गए मृतक के एक भाई ने कहा कि मुझे इस बारे में जानकारी तो थी लेकिन यह कब, कैसे हुआ इसकी कोई सूचना नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि इस मामेल में मेरा दो बार DNA सैंपल भी लिया गया था।
- इस मामले में मारे गए गुर्चन सिंह की पत्नी हरजीत कौर ने कहा है कि वह 2013-14 में मेरे पति इराक से मोसुल के लिए गए थे। सरकार मुझसे हमेशा यही कहती रही कि मेरे पति जिंदा है। मुझे इस खबर के बाद यह भी समझ नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूं।