मैंने सच कहा था, मेरी आंखों के सामने हुई थी भारतीयों की हत्या: हरजीत मसीह
By भाषा | Published: March 20, 2018 05:30 PM2018-03-20T17:30:09+5:302018-03-20T19:36:03+5:30
पंजाब में गुरदासपुर जिले के काला अफगाना गांव के निवासी मसीह ने कहा, 'मैंने सच बोला था।' मसीह उन40 भारतीय कामगारों में शामिल था जिन्हें आतंकवादी संगठन आईएस ने अगवा किया था।
चंडीगढ़, 20 मार्च: इराक में39 भारतीयों के साथ अगवा किए जाने के बाद जून2014 में आईएस के चंगुल से भागने में कामयाब रहने वाले इकलौते व्यक्ति हरजीत मसीह ने आज कहा कि वह पिछले तीन साल से कह रहे थे कि सभी अन्य लोग मारे जा चुके हैं। मसीह ने आज कहा, 'मैं पिछले तीन वर्षों से कहता रहा हूं कि आईएस के आतंकवादियों ने सभी39 भारतीयों की हत्या कर दी है।' पंजाब में गुरदासपुर जिले के काला अफगाना गांव के निवासी मसीह ने कहा, 'मैंने सच बोला था।' मसीह उन40 भारतीय कामगारों में शामिल था जिन्हें आतंकवादी संगठन आईएस ने अगवा किया था।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज राज्यसभा को सूचित किया कि करीब तीन साल पहले इराक में आईएस द्वारा अगवा किए गए सभी39 भारतीय कामगार मारे जा चुके हैं और उनके शवों को बरामद कर लिया गया है। इसके बाद मसीह का यह बयान आया है। मसीह ने कहा कि उन्हें मेरी आंखों के सामने मार दिया गया और मैं इतने वर्षों से यह कहता रहा हूं। मुझे हैरानी होती है कि मैंने जो कहा था सरकार ने उसे माना क्यों नहीं।
घटना की जानकारी देते हुए मसीह ने कहा कि भारतीय लोग वर्ष2014 में इराक में एक फैक्ट्री में काम कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'लेकिन हमें आतंकवादियों ने अगवा कर लिया और कुछ दिनों तक बंधक बनाकर रखा।' एक दिन उन्हें घुटने के बल बिठाया गया और आतंकवादियों ने उन पर गोलियां चला दी।
मसीह ने कहा, 'मैं खुशकिस्मत था कि बच गया हालांकि एक गोली मेरी जांघ पर लगी और मैं बेहोश हो गया।' वह घायल अवस्था में आईएस के आतंकवादियों को किसी तरह चकमा देकर भारत लौटने में सफल रहा। आजीविका की तलाश में इराक गए39 भारतीय वर्ष 2014 से लापता थे। इनमें से कई पंजाब के अमृतसर, गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला और जालंधर के रहने वाले थे।