विश्व भारती के विद्यार्थियों ने कुलपति की कार रोकी, तलाशी करने से इनकार
By भाषा | Updated: September 7, 2021 20:48 IST2021-09-07T20:48:15+5:302021-09-07T20:48:15+5:30

विश्व भारती के विद्यार्थियों ने कुलपति की कार रोकी, तलाशी करने से इनकार
कोलकाता, सात सितंबर पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के आधिकारिक आवास के सामने धरना दे रहे विद्यार्थियों ने मंगलवार को कथित रूप से उनकी कार उस समय रोक ली जब वह सरकारी आवास के गेट से बाहर आ रही थी।
विद्यार्थी अपने तीन सहपाठियों को बर्खास्त किए जाने के खिलाफ 27 अगस्त से ही प्रदर्शन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को जैसे ही सफेद कार परिसर के गेट से बाहर निकली, उसे विद्यार्थियों ने रोक लिया।
इससे पहले दी गई खबर में अधिकारी के हवाले से कहा गया था कि विद्यार्थियों ने कार की तलाशी ली लेकिन घटना के समय कार में चालक के अलावा कोई नहीं था।
प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों के मंच ‘विश्व भारती छात्रा-छात्री ओइक्यो’ ने एक बयान में दावा किया कि वे केवल कार की ओर बढ़े थे, क्योंकि उन्हें कार में कुलपति के होने का भ्रम था लेकिन कोई तलाशी नहीं ली गई।
बयान में कहा गया कि विद्यार्थियों की कुलपति का कार चला रहे चालक से कुछ बहस हुई थी लेकिन मीडिया का एक धड़ा घटना की गलत खबर दे रहा है।
प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों में से एक ने कहा, ‘‘कुलपति ने इतने दिनों में हमसे मुलाकात नहीं की। वह अपने आवास ‘पूरबिता’ में ही हैं। उन्होंने शिक्षक दिवस के दिन हमारे पुष्प गुच्छ को भी स्वीकार नहीं किया जिसके साथ हमने बर्खास्त छात्रों को अपने ही बच्चे मानते हुये उनकी बर्खास्तगी रद्द करने की मांग की थी। इसलिए हमे कार में देखना था कि कहीं कुलपति तो नहीं हैं लेकिन वह उसमें नहीं मिले।’’
विश्वविद्यालय के अधिकारी ने विद्यार्थियों के इस कदम को ‘अनावश्यक’ करार देते हुए कहा कि ‘‘यह निजता में हस्तक्षेप है।’’
पश्चिम बंगाल भाजपा इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा शिक्षक की कार रोकने की कथित घटना ‘‘अनैतिक और अवैध’’ है।
वहीं, बर्खास्त विद्यार्थी और विश्व भारती यूनिवर्सिटी फैकल्टी एसोसिशन के सदस्य सुदीप्ता भट्टाचार्य कुलपति आवास के मुख्य प्रवेश द्वार से करीब 60 मीटर दूर धरना मंच बना गत रविवार से क्रमिक अनशन कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने तीन सितंबर को दिए अंतरिम आदेश में कहा था कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के अकादमिक या प्रशासनिक भवन या कुलपति के निवास के 50 मीटर के दायरे में प्रदर्शन् नहीं किया जा सकता।
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