मणिपुर हिंसा की लपटें पहुंची दिल्ली! डीयू क्षेत्र में कुकी समुदाय के छात्रों पर हमला, मैतेई समुदाय पर आरोप, कई गिरफ्तार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 6, 2023 04:02 PM2023-05-06T16:02:30+5:302023-05-06T16:04:49+5:30

कुकी समुदाय के छात्रों का कहना है कि उन्होंने मौरिस नगर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया।

violence in Manipur students clash in Delhi University area situation under control say police | मणिपुर हिंसा की लपटें पहुंची दिल्ली! डीयू क्षेत्र में कुकी समुदाय के छात्रों पर हमला, मैतेई समुदाय पर आरोप, कई गिरफ्तार

मणिपुर हिंसा की लपटें पहुंची दिल्ली! डीयू क्षेत्र में कुकी समुदाय के छात्रों पर हमला, मैतेई समुदाय पर आरोप, कई गिरफ्तार

Highlightsकूकी छात्रों के एक समूह ने उनपर मैतेई समूह द्वारा हमला किए जाने का आरोप लगाया है। घटना गुरुवार रात की है।

नई दिल्ली: मणिपुर में कथित तौर पर तनाव कम होने के बीच हिंसा की लपटें अब दिल्ली पहुंच चुकी हैं। यहां दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस इलाके में रहने वाले कूकी छात्रों के एक समूह ने मैतेई समूह द्वारा हमला किए जाने का आरोप लगाया है। घटना गुरुवार रात की है। कुकी समहू के छात्रों ने यह भी दावा किया कि उन्होंने मौरिस नगर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया।

छात्रों का कहना है कि शिकायत दर्ज नहीं किए जाने को लेकर उन्होंने थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच दिल्ली पुलिस ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है और कार्रवाई शुरू कर दी गई है और इस सिलसिले में कुछ छात्रों को हिरासत में लिया गया है। 

गौरतलब है कि दिल्ली में यह घटना मणिपुर में में मैतेई समुदाय और कुकी, नगा समुदाय के बीच हुई खूनी हिंसा के प्रतिक्रिया स्वरूप हुई है। मणिपुर में बहुसंख्यक मैतई समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से बीते बुधवार को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी।

नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की ओर से इस मार्च का आयोजन मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने राज्य सरकार को मैतई समुदाय की एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने का निर्देश देने के बाद किया गया था। 

हिंसा में कई लोगों की जानें गई हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं। एएनआई के मुताबिक, कई सूत्रों ने कहा कि समुदायों के बीच हुई झड़पों में कई लोग मारे गए हैं और लगभग सौ लोग घायल हो गए। हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

अस्पताल के सूत्रों ने शुक्रवार रात बताया कि झड़पों के शिकार बताए गए कुल 36 लोगों के शव इंफाल पश्चिम जिले के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के मुर्दाघर में लाए गए हैं। सूत्रों के अनुसार ये शव इंफाल पूर्व और पश्चिम, चुराचांदपुर और बिशेनपुर समेत विभिन्न जिलों से लाए गए। सूत्रों ने बताया कि गोली लगने से घायल हुए कई लोगों का रिम्स और जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान में किया जा रहा है।

हिंसा के बाद कुल 13,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इंफाल और अन्य हिंसा प्रभावित इलाकों में सेना फ्लैग मार्च कर रही है। वहीं जिरीबाम जिले और आसपास के इलाकों से 1,100 से अधिक लोगों ने अंतरराज्यीय सीमा पार कर असम के कछार जिले में प्रवेश किया। इस बीच केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू का बयान आया है कि मणिपुर में जो भी हिंसा भड़की है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और भारत सरकार आवश्यक कार्रवाई और संभावित कदम उठा रही है।

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