मलप्पुरम (केरल), 27 दिसंबर केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने सोमवार को आरोप लगाया कि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) कई मुद्दों पर सांप्रादयिक रुख अपना रही है। हालांकि, आईयूएमएल नेतृत्व ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कोई भी दक्षिणी राज्य की धर्मनिरपेक्ष छवि की ‘खूबसूरती’ को बरकरार रखने में उसके योगदान को नजर अदांज नहीं कर सकता।
जब विजयन ने आरोप लगाया कि आईयूएमएल इन दिनों जमात-ए-इस्लामी और पापुलर फ्रंट के नारों को आगे बढ़ा रही है तो आईयूएलएल के प्रमुख नेता और सांसद पीके कुन्हालीकुट्टी ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी ने लंबे समय से चले आ रहे धर्मनिरपेक्ष रुख से समझौता नहीं किया है।
कांग्रेस नीत विपक्षी गठबंधन संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) जिसका घटक आईयूएमएल है और भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए विजयन ने कहा कि दक्षिणपंथी ताकतों को अब भी इस तथ्य का सामना करना है कि मार्क्सवादी पार्टी की सरकार लगातार दूसरी बार राज्य की सत्ता में आई है। इसलिए वे वाम सरकार के खिलाफ गलत दुष्प्रचार कर रही हैं और यहां तक कि छोटे से मुद्दे का भी सांप्रदायिकरण कर रहे हैं। उन्होंने पार्टी के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यूडीएफ, भाजपा, जमात-ए-इस्लामी और ऐसे सभी समूह सरकार के खिलाफ एक हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जानबूझकर मामलों को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश राज्य में देखी गई है। विजयन ने कहा कि हाल में ‘लव जिहाद’ और ‘हलाल’ विवाद में ‘‘ राजनीतिकृत सांप्रदायिकता’’देखने को मिली।
उन्होंने कहा, ‘‘आईयूएमएल की पूर्व में जमात-ए-इस्लामी और पापुलर फ्रंट के साथ समझ थी लेकिन अब इसमें बदलाव आया है और देखा जा रहा है कि वह इन दोनों संगठनों के नारे को आत्मसात कर रही है। जो उस पार्टी में शांति चाहते हैं उन्हें इस रुख के खिलाफ बाहर आना चाहिए।’’
हालांकि, कुन्हालीकुट्टी ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि केरल के विकास और उपलब्धि का श्रेय आईयूएमएल को भी जाता है जिसका राज्य दावा कर रहा है।
उन्होंने दावा किया कि आईयूएमएल वह पार्टी नहीं है जो अलगाववाद को बढ़ाती है बल्कि वह अपनी राजनीतिक गतिविधियों से धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देती हैं।
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