वीडियो: तुंगभद्रा नदी पर बने 71 साल पुराने बांध का एक गेट टूटा, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के लाखों लोगों को बाढ़ का खतरा
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 12, 2024 10:24 AM2024-08-12T10:24:34+5:302024-08-12T10:28:07+5:30
Tungabhadra dam: तुंगभद्रा नदी पर बने 71 साल पुराने बांध का 19वां गेट रविवार दोपहर टूट गया। इससे कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के लाखों लोगों को संभावित बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है।
Tungabhadra dam: तुंगभद्रा नदी पर बने 71 साल पुराने बांध का 19वां गेट रविवार दोपहर टूट गया। इससे कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के लाखों लोगों को संभावित बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। बेंगलुरू से करीब 350 किलोमीटर दूर बांध का गेट टूट जाने के बाद पानी तेजी से निचले इलाकों में फैल गया। इसके बाद उत्तरी कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के कुर्नूल और नंदयाल के निचले इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
Update - TungaBhadra Dam as on Aug12 6AM
— Ballari Tweetz (@TweetzBallari) August 12, 2024
Inflow - 25,131 c/s
Outflow to river - 88,955c/s
LBLLC - 4144c/s
RBHLC - 3692 c/s
Storage - 98.257/105.33 TMC
In 24 hr aprox 7 TMC of water Has been released
Outflow will increase to 1Lk from 7AM #Ballari#Tungabhadra#Vijayanagarahttps://t.co/bGsWVeyiXNpic.twitter.com/PdwSx3ZRQG
कृष्णा नदी के किनारे रह रहे लोगों के लिए सतर्क रहने की सलाह जारी की गई है। एपीएसडीएमए के प्रबंध निदेशक आर कुर्मानाध ने बताया कि चेन की एक कड़ी टूटने के कारण द्वार संख्या 19 पानी के बहाव में बह गया। यह हादसा होसपेट में शनिवार रात को हुआ। बाढ़ का लगभग 35,000 क्यूसेक पानी बह गया और कुल 48,000 क्यूसेक पानी नीचे की ओर छोड़ा जाएगा। एपीएसडीएमए ने कहा है कि कुरनूल जिले के कोसिरी, मंत्रालयम, नंदावरम और कौथलम के लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। कृष्णा नदी के तटों के पास रह रहे लोगों को नदी को पार न करने की सलाह भी दी गई है।
#Karnataka: One of the crest gates at the Tungabhadra dam has broken.
— South First (@TheSouthfirst) August 11, 2024
The Chief Engineer of the Tungabhadra Irrigation Zone, L. Basavaraj, has visited the dam.
He says the 19th crest gate has malfunctioned. The remaining gates have been opened, and water is being released. A… pic.twitter.com/c5j7F6t0Is
कब बना तुंगभद्रा बांध (Tungabhadra dam)
1953 में 133TMCFT (हजार मिलियन क्यूबिक फीट) की अधिकतम भंडारण क्षमता वाले तुंगभद्रा बांध का उद्घाटन किया गया था। शनिवार, 11 अगस्त 2024 तक इसमें इसमें 100TMCFT पानी था। आने वाले दिनों में पानी का स्तर और बढ़ सकता है। तुंगभद्रा नदी दक्षिण भारत में बहने वाली एक पवित्र नदी हैं। यह कर्नाटक एवं आन्ध्र प्रदेश में बहती हुई आन्ध्र प्रदेश में एक बड़ी नदी कृष्णा नदी में मिल जाती है। तुंगभद्रा बांध इसी नदी पर बना है जिसे पंपा सागर के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत का सबसे बड़ा पत्थर की चिनाई वाला बांध है और देश के केवल दो गैर-सीमेंट बांधों में से एक है।
Pt Nehru is reviewing the construction of Tungabhadra Dam in 1952. The construction of the dam was completed in 1953. Since then There has not been major issues.But the poor maintenance of the dam has brought this disaster today #TungabhadraDam#Tungabhadra@Bnglrweathermanpic.twitter.com/7D3ynQzCZk
— Karnataka Portfolio (@karnatakaportf) August 11, 2024
हादसे के बाद संभावित बाढ़ से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन टीमों को तैनात किया गया है। स्थिति अस्थिर बनी हुई है और स्थानीय निवासियों को नियमित रूप से नवीनतम अपडेट के लिए आधिकारिक चैनलों के माध्यम से सूचित रहने की सलाह दी जा रही है।
In the past, up to 350,000 cusecs have been released from the Tungabhadra dam.
— Naveen Reddy (@navin_ankampali) August 11, 2024
There are no alternatives; the dam must release 65 TMC of water to complete the necessary technical work.
The outflows will continue to vary. pic.twitter.com/x4jWIP6iv6