नई दिल्ली: पूरे उत्तर भारत में टिड्डी दल ने किसानों को परेशान कर रखा है। शनिवार सुबह टिड्डी दल झज्जर जिले की सीमा पार करते हुए गुरुग्राम की सीमा में प्रवेश कर गए। इसके बाद टिड्डी दल गुरुग्राम पटौदी सोहना में पहुंचा जहां लोगों ने जिला प्रशासन की एडवाइजरी के अनुसार थालियां बजाकर और पटाखे छोड़कर टिड्डी दलों को भगा दिया।
गुरुग्राम से निकलकर छावला गांव के रास्ते अब टिड्डी दल दिल्ली के द्वारका में प्रवेश कर चुका है। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हवा का रुख पलटा तो टिड्डी दल फिर झज्जर वापस आ सकता है। मालूम हो कि टिड्डी दलों के हमले को लेकर जिला प्रशासन ने कोई एडवाइजरी नहीं जारी की है। राजेंद्र पार्क, सेक्टर-5, सूरत नगर, धनवापुर, पालम विवार और मारुती कंपनी के एरिया में भी लाखों की संख्या में टिड्डी दलों ने धावा बोला है।
साइबर सिटी के लोगों में टिड्डी दल के धावे को लेकर हैरानी देखने को मिल रही है। स्थानीय निवासी खुद ही ताली और तेज आवाज के जरिए टिड्डियों को भगाने की कोशिश कर रहे हैं। एक घंटे से ही इलाके में टिड्डी दल मंडरा रहे हैं। हवा तेज होने की वजह उनकी रफ्तार और बढ़ गई है। कई इलाकों को उन्होंने पूरी तरह से घेर लिया है।
उधर, कृषि विभाग के उपनिदेशक जी. राम ने बताया, "तीन दिन से महोबा जिले में डेरा जमाए टिड्डी दल ने बृहस्पतिवार को ही भगारी, बछेछरकला, नगाराडांग, मगरौल और सलैया गांव में धावा बोला था, लेकिन किसानों के शोर मचाने पर खेतों में नहीं उतर पाया और सिर्फ पेड़ों को नुकसान पहुंचाकर वापस चला गया।" उन्होंने बताया, "टिड्डी दल की सूचना पर वन विभाग और कृषि विभाग के अधिकारियों ने रसायन का छिड़काव कर लाखों की तादाद में टिड्डियों को मारा भी है।" डॉ. कुमार ने कहा, "इस समय टिड्डी दल जिले से सटे मध्य प्रदेश के जंगलों में है, जो कभी भी फिर हमला कर सकता है।"
गौरतलब है कि एक सप्ताह पूर्व टिड्डी दल ने चित्रकूट जिले की सीमा से बांदा जिले के ओरन क्षेत्र के मझीवां सानी और वैदन पुरवा में धावा बोला था। तब सतर्क कृषि विभाग के अधिकारियों ने रसायन का छिड़काव कर लाखों की तादाद में टिड्डियों को मार भी दिया था। यह टिड्डी दल का दूसरा हमला है।