लॉकडाउन में नहीं आए रिश्तेदार तो मुसलमानों ने दिया अर्थी को कंधा, हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल वाला वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
By स्वाति सिंह | Published: March 30, 2020 11:00 AM2020-03-30T11:00:20+5:302020-03-30T11:05:02+5:30
उत्तर प्रदेश एक बुलंदशहर में मुस्लिम समुदाय के कई सदस्यों ने शुक्रवार को अपने हिंदू पड़ोसी का अंतिम संस्कार किया।
कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते पूरे देश में लॉक डाउन है। इसी बीच हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल देने वाली एक खबर सामने आई है। दरअसल, उत्तर प्रदेश एक बुलंदशहर में मुस्लिम समुदाय के कई सदस्यों ने शुक्रवार को अपने हिंदू पड़ोसी का अंतिम संस्कार किया। शुक्रवार को कैंसर पीड़ित रविशंकर का निधन हो गया। जिसके बाद उसके बेटे के साथ वहां अर्थी को कंधा देने वाला भी कोई नहीं था। उनके रिश्तेदारों ने प्रतिबंधों के कारण बुलंदशहर आने में असमर्थता जताई। ऐसे में कुछ मुसलमान आगे आए और उन्होंने न सिर्फ अर्थी को कंधा दिया बल्कि श्मशान में दाह संस्कार भी करवाया।
गांव के प्रधान अफरोजी बेगम के बेटे जाहिद अली ने बताया, रविशंकर कैंसर से पीड़ित थे और शुक्रवार को उनका निधन हो गया। उनके परिवार के सदस्यों ने अंतिम संस्कार के लिए उनके रिश्तेदारों और दोस्तों को फोन किया। लेकिन उन्होंने लॉकडाउन के कारण अपनी लाचारी व्यक्त की।'
अली ने आगे कहा,' थोड़ी देर के बाद रविशंकर के घर में मोहल्ले के कुछ मुस्लिम लोग पहुंचे और उन्होंने परिवारवालों को दिलासा दी।' यहां मुसलमानों ने अर्थी तैयार करवाई, कंधे पर लादकर काली नदी स्थित शमशान घाट तक पहुंचे। इस दौरान रास्ते में राम नाम सत्य भी बोला गया। इसके साथ ही मुसलमानों ने श्मशान में दाह संस्कार की तैयारी भी करवाई।
रवि शंकर के बेटे ने मुखाग्नि दी। इस दौरान भी वे साथ में रहे। श्मशान में सारी क्रियाएं पूरी करवाने के बाद वे रविशंकर के बेटे के साथ वापस घर आए। उन्होंने दुखी परिवार की हर तरह से मदद का आश्वासन भी दिया।अगली बार कोई इतिहास के नाम पर हिन्दू मुसलमान करे तो ये वीडियो याद कर लीजिएगा। बुलंदशहर के रविशंकर के परिवार के पास क्रिया कर्म के लिए पैसा नहीं था। Corona के डर से पड़ोसी मशान जाने को तैयार नहीं हुए।ऐसे में मुसलमान पड़ोसियों ने पैसा भी जुटाया, कंधा भी दिया और राम नाम सत्य भी कहा। pic.twitter.com/kpjFsDsqqb
— Navin Kumar (@navinjournalist) March 29, 2020