महाराष्ट्र के एक कॉलेज में वेलेंटाइन डे के एक दिन पहले छात्राओं को लव मैरिज ना करने की अजीबोगरीब प्रतिज्ञा दिलाई गई है। दरअसल, अमरावती जिले के महिला आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज में लड़कियों को शपथ दिलाई गई कि वे न ही प्यार करेंगी और न प्रेम-विवाह। प्रोफेसरों की मौजूदगी में दिलाई जा रही प्रतिज्ञा का विडियो सामने आने के बाद काफी आलोचना हो रही है। कॉलेज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि छात्राओं ने शपथ में कहा, 'मैं शपथ लेती हूं कि मुझे मेरे परिजनों पर पूरा भरोसा है और मैं किसी से प्यार नहीं करूंगी और ना ही लव मैरिज करूंगी।' इसके साथ ही शपथ में यह भी जोड़ा गया था कि दहेज मांगने वाले से शादी नहीं करूंगी।
हालांकि, इस घटना के बाद कॉलेज प्रशासन ने सफाई दी है कि लड़कियों ने यह अपने मन से किया और उन्हें प्रतिज्ञा लेने के लिए मजबूर नहीं किया गया। जबकि, वीडियो में साफतौर से देखा जा सकता है कि एक प्रोफेसर कहने के बाद लड़कियां को दोहराने के लिए कह रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक कॉलेज में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर प्रदीप डांडे ने कहा कि"युवाओं के समक्ष चुनौतियां'' शिविर में महिलाओं के साथ चर्चा के दौरान इस तरह की शपथ दिलाने का विचार मेरे मन में आया। चर्चा के दौरान मैंने लड़कियों से पूछा कि वे प्रेम विवाह की ओर क्यों ललचाती हैं? लड़कियां क्यों भागती हैं? क्या उन्होंने अपने माता-पिता पर विश्वास खो दिया है? इसके बाद उन्हें यह शपथ दिलाई गई।' यह पूछे जाने पर कि क्या शपथ लेना अनिवार्य है? इसपर डंडे ने कहा, 'नहीं। यह वैकल्पिक था। हमारा उन पर आरोप लगाने का कोई इरादा नहीं था। तो जो लड़कियां सहमत थीं उन्होंने शपथ ली जबकि अन्य बाहर रहीं। "
कॉलेज के प्रिंसिपल राजेंद्र हावरे के मुताबिक शिविर में भाग लेने वाली 100 में से लगभग 40 लड़कियों ने यह शपथ ली। जब प्रिंसिपल हावरे से पूछा गया कि वह प्रोफेसर डंडे के विचार से सहमत कैसे हुए। इसपर उन्होंने कहा 'इसमें सहमत होने या ना होने जैसा कोई सवाल ही नहीं है। लड़कियां ऑटो-रिक्शा चालकों और ठेला-रेडी वालों के साथ भाग जाती हैं। क्या माता-पिता अपनी बेटियों को इसीलिए कॉलेज भेजते हैं? ऐसे में हमारा ख्याल है कि उन्हें पहले अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए और बाद में शादी के बारे में सोचना चाहिए। '
जब इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्टर ने यह पूछा कि कोई भी कम उम्र में प्यार में पड़ने के विचार का विरोध कैसे कर सकते हैं, इसपर हावरे ने कहा 'कोई भी प्यार का विरोध नहीं करता है, लेकिन युवाओं को प्यार और यौन आकर्षण के बीच अंतर को समझना चाहिए। माता-पिता अपने बच्चों को शिक्षा के लिए भेजते हैं और लड़कियां प्यार में पड़कर किसी के साथ भाग जाती हैं। ऐसे में यह हमारा कर्तव्य है कि हम छात्रों के बीच उनके माता-पिता और उनके करियर के प्रति जिम्मेदारी के मूल्यों को विकसित करें। इसलिए शपथ दिलाई गई'।