उपराष्ट्रपति धनखड़ ने राज्यसभा की समितियों में निजी कर्मचारी नियुक्त करने के विपक्ष के आरोपों पर दिया जवाब, कहा- सबसे हुई सलाह; जयराम रमेश का इनकार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 10, 2023 08:38 AM2023-03-10T08:38:53+5:302023-03-10T08:38:53+5:30
जगदीप धनखड़ ने संसदीय समितियों में अपने 'निजी स्टॉफ' के सदस्यों की नियुक्ति को लेकर विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे सवालों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस कदम को उठाने से पहले समितियों के प्रमुखों और सदस्यों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया गया था।
नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा संसदीय समितियों में अपने 'निजी स्टॉफ' नियुक्त करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। विपक्ष की ओर से लगाए जा रहे आरोपों के बीच उपराष्ट्रपति ने गुरुवार को कहा कि इस कदम को उठाने से पहले समितियों के प्रमुखों और सदस्यों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया गया था।
दूसरी ओर, कांग्रेस महासचिव और संसद की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति के प्रमुख जयराम रमेश ने धनखड़ की बात से असहमति जताते हुए कहा कि समिति के प्रमुख के तौर पर उनके साथ कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ। धनखड़ पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह की ‘मुंडक उपनिषद’ पर आधारित एक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने क्या कहा?
धनखड़ ने कार्यक्रम में कहा, ‘संसद के कार्य में संसदीय समितियों की भूमिका से आप सभी परिचित हैं। मुझे कुछ समितियों के अध्यक्षों और सदस्यों ने सुझाव दिए कि मैं समितियों की उत्पादकता बढ़ाने और उन्हें अधिक प्रभावकारी बनाने के लिए कुछ करूं। मैंने समितियों को और अधिक कुशल और प्रशिक्षित मानव संसाधन देने का निर्णय किया। इस निर्णय से पहले समितियों के सदस्यों और अध्यक्षों से व्यापक विमर्श किया गया है।’
जगदीप धनखड़ ने आगे कहा, ‘मीडिया में एक विमर्श चलाया जा रहा है कि सभापति ने समितियों में अपने सदस्यों की नियुक्ति कर दी है। क्या किसी ने वास्तविकता जांचने की कोशिश भी की है? संसदीय समितियां संसद सदस्यों से मिलकर बनती हैं, ये पूरी तरह उनका अधिकार क्षेत्र है। लेकिन सच्चाई जानने की कोशिश नहीं की गयी।’
जयराम रमेश ने 'विचार-विमर्श' किए जाने से किया इनकार
इस पूरे मामले पर कांग्रेस नेता रमेश ने ट्वीट किया, ‘राज्यसभा के सभापति ने कहा है कि विभिन्न समितियों के साथ उनके निजी स्टॉफ को संबंद्ध करने संबंधी उनका विवादित कदम समिति के प्रमुखों से विचार-विमर्श के बाद उठाया गया था। मैं एक स्थायी समिति का प्रमुख हूं और स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि मेरे साथ कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ था।’
The Chairman of the Rajya Sabha has said that his controversial move to have his staff attached to various Committees was after consultations with the respective Chairpersons. I chair a Standing Committee and I can categorically say I wasn't consulted at all.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 9, 2023
गौरतलब है कि इसी हफ्ते राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने अपने निजी कर्मचारी के आठ सदस्यों को उच्च सदन सचिवालय के दायरे में आने वाली 20 समितियों में नियुक्त किया था। राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार 20 समितियों में धनखड़ के निजी कर्मचारी के आठ सदस्यों को नियुक्त किया गया, जिनमें उपराष्ट्रपति सचिवालय में तैनात चार कर्मचारी शामिल हैं।
राज्यसभा सचिवालय के अधिकारी आमतौर पर संसदीय समितियों की सहायता करते हैं और समिति सचिवालयों का हिस्सा भी बनते हैं। समितियों में नियुक्त लोगों में उपाध्यक्ष के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी), अध्यक्ष के ओएसडी और उपाध्यक्ष के निजी सचिव शामिल हैं।
(भाषा इनपुट)