करीब 150 पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर जारी लोकसभा चुनाव में सेना के राजनीतिक इस्तेमाल या किसी राजनीति एजेंडे के लिए इस्तेमाल पर नाराजगी जताई है। रिपोर्ट्स के अनुसार 156 पूर्व सैनिकों ने लोकसभा चुनाव-2019 के पहले चरण के मतदान के दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस बारे में चिट्ठी लिखी।
राष्ट्रपति के नाम इस चिट्ठी पर सेना के तीन पूर्व प्रमुखों जनरल (रिटायर्ड) एसएफ रॉड्रिग्ज, जनरल (रिटायर्ड) शंकर रॉय चौधरी और जनरल (रिटायर्ड) दीपक कपूर, चार पूर्व नेवी चीफ और पूर्व एयर फोर्स चीफ एनसी सुरी के भी हस्ताक्षर हैं।
चिट्ठी में लिखा गया है, 'आप भारतीय सेना के सुप्रीम कमांडर हैं, इसलिए हम आपके संज्ञान में यह बात लाना चाहते हैं कि हमारे सेना में कार्यरत और रिटायर्ड अधिकारियों में कुछ बातों को लेकर चिंता है।'
चिट्ठी में सेना के ऑपरेशन और सीमा पार एयर स्ट्राइक के नेताओं द्वारा श्रेय लिये जाने का जिक्र किया गया है। इस चिट्ठी में योगी आदित्यनाथ के उस बयान का भी जिक्र है जब उन्होंने एक चुनावी भाषण के दौरान उन्होंने सेना को 'मोदीजी की सेना' कह दिया था।
इसके बाद तमाम विपक्षी पार्टियों ने इसे लेकर आपत्ति जताई थी और कहा था कि इस तरह सेना का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए नहीं होना चाहिए। चुनाव आयोग ने भी योगी के इस बयान पर संज्ञान लिया था।
वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि पीएम नरेंद्र मोदी वोट के लिए सैनिकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। राष्ट्रपति के पास भेजे गई चिट्ठी में पूर्व सैनिकों ने भारतीय एयर फोर्स के पायलट अभिनंदन वर्थमान की तस्वीरों के चुनावी कैंपेन में इस्तेमाल किये जाने पर भी आपत्ति जताई है। चुनाव आयोग पहले ही फौजियों की तस्वीरों के इस्तेमाल नहीं करने को लेकर निर्देश जारी कर चुकी है।
हालांकि, इसके बावजूद कई रैलियों में ऐसी तस्वीरें नजर आती रही हैं। अभी हाल में कांग्रेस नेता उर्मिला मातोंडकर भी मुंबई में एक रैली के दौरान अभिनंदन की तस्वीर के इस्तेमाल को लेकर विवाद में आई थीं।