नई दिल्लीः 'चलो बुलावा आया है' और 'तूने मुझे बुलाया शेरा वालिए' जैसी भक्ति गीतों के लिए लोकप्रिय 'भजन' गायक नरेंद्र चंचल का शुक्रवार को एक निजी अस्पताल में स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण निधन हो गया। वह 76 वर्ष के थे।
सूत्रों ने बताया कि चंचल ने दिल्ली के अपोलो अस्पताल में दोपहर 12:15 बजे अंतिम सांस ली। उन्होंने बताया कि 27 नवंबर को उन्हें दक्षिणी दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मस्तिष्क संबंधी बीमाारियों से पीड़ित होने के बाद उनका निधन हो गया। 1940 में अमृतसर के नमक मंडी में एक पंजाबी परिवार में जन्मे चंचल एक धार्मिक माहौल में पले-बढ़े, जिन्होंने उन्हें बहुत ही कम उम्र से ही 'भजन' और 'आरती' गाना शुरू करने के लिए प्रेरित किया।
हिंदी सिनेमा में, उन्हें प्रसिद्धि तब मिली जब उन्होंने 1973 में आई ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया की पहली फ़िल्म "बॉबी" के लिए "बेशक मंदिर मस्जिद" नामक एक गीत गाया। इस गाने के लिए, चंचल ने 1974 में फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्व गायक का पुरस्कार जीता था। उनके सबसे लोकप्रिय गानों में से एक 1983 में आई राजेश खन्ना की फिल्म "अवतार" का "चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है" है।
चंचल ने 2009 में अपनी आत्मकथा "मिडनाइट सिंगर" जारी की थी, जिसमें उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती संघर्षों और कठिनाइयों से लेकर अपनी उपलब्धियों तक का वर्णन किया है। गायक दलेर मेहंदी, अभिनेता मनोज बाजपेयी, अभिनेता रणवीर शौरी, संगीतकार विशाल डडलानी समेत कई जानी मानी हस्तियों ने चंचल की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया।
मोदी ने भजन गायक नरेन्द्र चंचल के निधन पर शोक जताया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को जाने-माने भजन गायक नरेन्द्र चंचल के निधन पर शोक जताया और कहा कि अपनी ओजपूर्ण आवाज से उन्होंने भजन गायन की दुनिया में विशिष्ट पहचान बनाई। चंचल का आज यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।
मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘लोकप्रिय भजन गायक नरेंद्र चंचल जी के निधन के समाचार से अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने भजन गायन की दुनिया में अपनी ओजपूर्ण आवाज से विशिष्ट पहचान बनाई। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं।’’