वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ शेखर बसु का कोविड-19 से निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक, जानिए क्या कहा

By भाषा | Published: September 24, 2020 06:41 PM2020-09-24T18:41:22+5:302020-09-24T19:32:09+5:30

भारत की परमाणु ऊर्जा से संचालित पहली पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत के लिए बेहद जटिल रियेक्टर के निर्माण में बसु ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Veteran atomic scientist and former chairman of Atomic Energy Commission Dr Sekhar Basu dies of Covid | वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ शेखर बसु का कोविड-19 से निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक, जानिए क्या कहा

विख्यात परमाणु वैज्ञानिक शेखर बसु के निधन पर शोक की इस घड़ी में मैं परमाणु ऊर्जा बिरादरी के साथ हूं। (file photo)

Highlightsधिकारी ने कहा, 'डॉ बसु कोविड-19 और किडनी संबंधित अन्य रोग से पीड़ित थे। सुबह चार बजकर पचास मिनट पर उनका निधन हो गया।'बृहस्पतिवार को कोविड-19 से निधन हो गया। वह 68 वर्ष के थे।स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। मैकेनिकल इंजीनियर डॉ बसु को देश के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में उनके योगदान के लिए जाना जाता है।

कोलकाताः विख्यात परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. शेखर बसु का यहां एक निजी अस्पताल में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के चलते निधन हो गया।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। बसु, तीन दिन पहले ही 68 वर्ष के हुए थे। अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'डॉ बसु कोविड-19 और किडनी संबंधित अन्य रोग से पीड़ित थे। सुबह चार बजकर पचास मिनट पर उनका निधन हो गया।' मैकेनिकल इंजीनियर डॉ बसु को देश के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उन्हें 2014 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

भारत की परमाणु ऊर्जा से संचालित पहली पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत के लिए बेहद जटिल रियेक्टर के निर्माण में बसु ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉ बसु के निधन पर शोक प्रकट किया और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं जाहिर की। उन्होंने ट्वीट किया, “विख्यात परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ शेखर बसु के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। उनके सहकर्मियों और परिजनों को मेरी सांत्वना।”

प्रख्यात भौतिकविद और पद्म विभूषण से सम्मानित विकास सिन्हा ने कहा कि डॉ बसु के निधन से ‘‘भारी क्षति” हुई है। सिन्हा ने कहा कि देश ने एक महान इंजीनियर और अच्छा इंसान खो दिया। साहा परमाणु भौतिकी संस्थान तथा वेरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रोन सेंटर के पूर्व निदेशक सिन्हा ने कहा, “मैं कहूंगा कि वह हमें कम उम्र में छोड़ कर चले गए। उन्हें अभी और योगदान देना बाकी था। वह एक निपुण इंजीनियर थे जिन्होंने हमारे परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के लिए बहुत कठिन परिश्रम किया था।”

उन्होंने कहा, “बसु ने परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बी के लिए बहुत काम किया था। हमने एक अच्छा इंसान खो दिया।” बसु का जन्म 20 सितंबर 1952 को हुआ था। उन्होंने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में लंबे समय तक काम किया था और 2012 में वह केंद्र के निदेशक भी बने। बसु ने तमिलनाडु में भारतीय न्यूट्रिनो वेधशाला के विकास में भी अहम भूमिका निभाई थी।

विख्यात परमाणु वैज्ञानिक शेखर बसु के निधन पर मोदी ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विख्यात परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष शेखर बसु के निधन पर शोक प्रकट करते हुए परमाणु विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भारत को अग्रणी देशों में स्थापति करने में उनकी भूमिका की सराहना की। बसु का बृहस्पतिवार को कोलकाता के एक निजी अस्पताल में कोविड-19 से निधन हो गया। वह 68 वर्ष के थे।

मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘विख्यात परमाणु वैज्ञानिक शेखर बसु के निधन पर शोक की इस घड़ी में मैं परमाणु ऊर्जा बिरादरी के साथ हूं। उन्होंने परमाणु विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भारत को अग्रणी देशों में स्थापति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और मित्रों के साथ है। ओम शांति।’

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री सिसोदिया की हालत स्थिर, अगले कुछ दिनों में फिर होगी कोविड-19 जांच

सरकारी अस्पताल में कोविड-19 संक्रमण का उपचार करा रहे दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की हालत स्थिर है और अगले कुछ दिन में संक्रमण को लेकर फिर से उनकी जांच की जाएगी। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि के बाद सिसोसिया घर में पृथक-वास में थे। इसके बाद उन्हें बुधवार को लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में भर्ती कराया गया।

अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, “वह कल से गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में हैं, लेकिन उनकी हालत स्थिर है। मंत्री को ऑक्सीजन की मदद दी जा रही है और उनके स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।” एलएनजेपी अस्पताल, कोविड-19 के मरीजों के लिए एक निर्दिष्ट अस्पताल है। डॉक्टर ने कहा, “कुछ दिनों में उनकी आरटी-पीसीआर जांच कराई जाएगी।” यह पूछे जाने पर कि क्या सिसोदिया को कोई अन्य रोग भी हैं, डॉक्टर ने कहा, “उन्हें हाइपरटेंशन है।”

आम आदमी पार्टी के 48 वर्षीय नेता को बुखार और ऑक्सीजन के स्तर में कमी बाद बुधवार को अस्पताल में भर्ती किया गया था। एक वीडियो मैसेज में सिसोदिया ने एलएनजेपी अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की । उन्होंने कहा, ‘‘मुझे एलएनजेपी अस्पताल लाया गया क्योंकि इसकी जरूरत महसूस की गयी थी। लेकिन यहां के डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल देखकर उपमुख्यमंत्री के नेता मैं कहूंगा कि यह बहुत उत्साहजनक है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यहां पर शानदार व्यवस्था है और मुझे इस पर गर्व है। अगर कोरोना वायरस के समय में आपको किसी भी तरह की चिकित्सा की जरूरत है तो एलएनजेपी में बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलेगी।’’ एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा, “उन्हें एहतियात के तौर पर भर्ती किया गया था क्योंकि उनके शरीर का तापमान उच्च बना हुआ था और उनमें ऑक्सीजन का स्तर थोड़ा कम हो गया था।”

कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के कारण सिसोदिया 14 सितंबर को दिल्ली विधानसभा के एक दिवसीय सत्र में हिस्सा नहीं ले पाए थे। सिसोदिया के पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी संक्रमित हो गए थे। जैन जून में संक्रमित हुए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। 

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