केरल पुलिस की ओर से ईडी अफसरों के खिलाफ प्राथमिकी को रद्द करने की याचिका पर फैसला सुरक्षित
By भाषा | Updated: April 9, 2021 20:13 IST2021-04-09T20:13:52+5:302021-04-09T20:13:52+5:30

केरल पुलिस की ओर से ईडी अफसरों के खिलाफ प्राथमिकी को रद्द करने की याचिका पर फैसला सुरक्षित
कोच्चि, नौ अप्रैल केरल उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक याचिका पर शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रखा जिसमें केरल पुलिस द्वारा एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया गया है।
सोना तस्करी मामले में प्रमुख आरोपी स्वप्ना सुरेश पर कथित तौर पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के खिलाफ बयान देने का दबाव बनाने के लिए केरल पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी।
अदालत ने अपराध शाख को उसकी जांच करते रहने की अनुमति देते हुए निर्देश दिया कि मामले में ईडी अधिकारियों के खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाए।
ईडी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि भारी मात्रा में सोने की तस्करी के बड़े आर्थिक अपराध में धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत चल रही जांच को पटरी से उतारने के गुप्त मकसद के साथ अनाम अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।
एजेंसी ने अनुरोध किया कि प्राथमिकी को रद्द किया जाए या जांच को राज्य पुलिस से सीबीआई को हस्तांतरित किया जाए ताकि निष्पक्ष जांच हो सके क्योंकि मामले में कुछ उच्च पदस्थ लोग शामिल हैं।
केंद्रीय एजेंसी ने यह मांग भी की कि ईडी अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी के अनुरूप आगे समस्त कार्रवाई पर रोक लगाई जाए और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाए जो पीएमएलए, 2002 के तहत अपनी आधिकारिक जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
ईडी ने यह भी दलील दी कि राज्य पुलिस द्वारा कथित रूप से की गयी प्राथमिक जांच स्पष्ट रूप से तमाशा है।
अपराध शाखा ने अपने दल द्वारा दाखिल रिपोर्ट के आधार पर 17 मार्च को मामला दर्ज किया था। यह टीम कथित रूप से सुरेश की आवाज की एक क्लिप की जांच कर रही थी।
प्राथमिकी के अनुसार सोना तस्करी मामले की जांच कर रहे ईडी अफसरों ने 12 और 13 अगस्त 2020 को स्वप्ना सुरेश से पूछताछ करते वक्त उन्हें मुख्यमंत्री के खिलाफ झूठे बयान देने को मजबूर किया था।
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