लोग 'हिन्दू' शब्द का संकीर्ण धार्मिक मतलब निकाल रहे हैंः वेंकैया नायडू

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: December 17, 2017 10:42 IST2017-12-17T10:35:22+5:302017-12-17T10:42:44+5:30

उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने जाति, धर्म या लिंग के आधार पर भेदभाव करने वालों पर कोई दया न करने को कहा है।

venkaiah naidu fires on people discriminating on the basis of caste, religion or gender | लोग 'हिन्दू' शब्द का संकीर्ण धार्मिक मतलब निकाल रहे हैंः वेंकैया नायडू

लोग 'हिन्दू' शब्द का संकीर्ण धार्मिक मतलब निकाल रहे हैंः वेंकैया नायडू

Highlightsउप-राष्ट्रपति के मुताबिक कुछ लोग 'हिन्दू' शब्द का संकीर्ण धार्मिक लक्ष्यार्थ निकाल रहे हैं।ऐसे लोग जो जाति, धर्म, क्षेत्र, लिंग, और आस्था के आधार पर भेदभाव कर रहे हैं उन पर किसी तरह की कोई दया नहीं होनी चाहिए। नहीं तो सभ्यता नष्ट हो जएगी।

उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को यहां कहा कि जाति, धर्म या लिंग के आधार पर भेदभाव करने वालों पर कोई दया नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों के साथ उनकी जाति जोड़ने की प्रवृत्ति पर खेद प्रकट किया। उपराष्ट्रपति यहां 'इंडिया आईडिया कॉन्क्लेव' के पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग 'हिन्दू' शब्द का संकीर्ण धार्मिक लक्ष्यार्थ निकालते हैं। 

नायडू ने कहा, "जाति, धर्म, क्षेत्र, लिंग, और आस्था के आधार पर भेदभाव बिल्कुल नहीं होना चाहिए। यह भारतीय परंपरा नहीं है।" उन्होंने कहा कि इन बातों में संलिप्त लोगों की पहचान हो और कानून को इस संबंध में अपना काम करना चाहिए। समाज को भी इसके लिए एकजुटता दिखानी चाहिए। 

"राजनीति के कारण हमारे तंत्र में कमजोरी है"

नायडू ने कहा, "राजनीति के कारण हमारे तंत्र में कमजोरी है। आपको उस प्रकाश डालना चाहिए और उसे समाप्त करना चाहिए, लेकिन कभी-कभी लोग अपनी बहादुरी दिखाने के लिए भी ऐसा करते हैं।" 

उन्होंने कहा कि भेदभाव की बातों को सनसनी कहानियों की तरह नहीं लेकर उस तत्व को अलग-थगल छोड़ देना चाहिए और उसके साथ कोई दयाभाव नहीं दिखाना चाहिए।

"इससे सभ्यता नष्ट हो जाएगी"

नायडू ने कहा कि मीडिया कभी-कभी इसे सनसनी बनाकर परोसता है, जिससे राष्ट्रहित को खतरा पहुंचता है। उन्होंने कहा कि हमें उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और इसमें कोई दया नहीं दिखानी चाहिए, अन्यथा इससे सभ्यता नष्ट हो जाएगी। 

उन्होंने कहा कि वेद में भी समानता, सार्वभौम शांति, सहिष्णुता, अहिंसा, कल्याण और बंधुत्व की चर्चा है। वेद में कोई उत्तम या अधम नहीं है। नायडू ने कहा कि भारतीयता और हिंदुत्व एक ही बात है, इसलिए शब्दावली कोई मुद्दा नहीं होना चाहिए।

Web Title: venkaiah naidu fires on people discriminating on the basis of caste, religion or gender

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