सावरकर पर तकरार: कांग्रेस ने शिवसेना पर बोला हमला, कहा- कालापानी की सजा पाए ऐसे लोग भारत रत्न के हकदार जिन्होंने अंग्रेजों से दया नहीं मांगी

By भाषा | Published: January 18, 2020 05:21 PM2020-01-18T17:21:38+5:302020-01-18T17:34:57+5:30

नासिक के जिला कलेक्टर ए.टी.एम जैक्सन की हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सावरकर को 1911 में अंडमान जेल ले जाया गया था। इस बात को लेकर विवाद है कि क्या सावरकर ने सेलुलर जेल से अपनी शीघ्र रिहाई के लिये अंग्रेजों से माफी मांगी थी ?

veer Savarkar: Congress attacked Shiv Sena, says Those who are punished by Kalapani deserves Bharat Ratna who did not ask mercy from British | सावरकर पर तकरार: कांग्रेस ने शिवसेना पर बोला हमला, कहा- कालापानी की सजा पाए ऐसे लोग भारत रत्न के हकदार जिन्होंने अंग्रेजों से दया नहीं मांगी

सावरकर पर तकरार: कांग्रेस ने शिवसेना पर बोला हमला, कहा- कालापानी की सजा पाए ऐसे लोग भारत रत्न के हकदार जिन्होंने अंग्रेजों से दया नहीं मांगी

Highlightsकांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “सावरकर 1911 से पहले अलग थे। कांग्रेस 1923 के बाद की उनकी विचारधारा का विरोध करती है।”

वी डी सावरकर को भारत रत्न दिये जाने के विरोधियों पर शिवसेना नेता संजय राउत द्वारा निशाना साधे जाने के बाद कांग्रेस ने पलटवार करते हुए शनिवार को कहा कि हिंदुत्ववादी विचारधारा के समर्थकों को तत्कालीन अंडमान जेल का दौरा करना चाहिए ताकि वे उन स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान समझ सकें जिन्होंने कभी अंग्रेजों से माफी नहीं मांगी।

कांग्रेस का यह बयान राउत की उस टिप्पणी के कुछ घंटों बाद आया है जिसमें ‍उन्होंने कहा था कि जो लोग सावरकर को भारत रत्न दिये जाने का विरोध कर रहे हैं उन्हें कम से कम दो दिन तत्कालीन औपनिवेशिक जेल में बिताने चाहिए जिससे यह समझ सकें कि सजा के दौरान उन्हें किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा होगा।

महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा केंद्र में बहुमत होने की वजह से सावरकर को सर्वोच्च नागरिक सम्मान दे सकती है, अगर वह सावरकर के, बी आर आंबेडकर को ‘माथेफिरु’ (कट्टर) और बौद्धों को “राष्ट्रद्रोही” कहने जैसे बयानों की अनदेखी करने की इच्छुक है। सावंत ने ट्वीट कर कहा, “सावरकर 1911 से पहले अलग थे। कांग्रेस 1923 के बाद की सावरकर की विचारधारा के खिलाफ है।” उन्होंने कहा, “सावरकर ने आंबेडकर को ‘माथेफिरु’ और बौद्ध को ‘देशद्रोही’ कहा।

उन्होंने छत्रपति शिवाजी के अच्छे कामों की भी आलोचना की।” सावंत ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “सावरकर ने तत्कालीन रियासत त्रावणकोर को भारत में मिलाने के विरोध में चल रहे अभियान का भी समर्थन किया।” उन्होंने सावरकर पर निशाना साधते हुए कहा, “जिन लोगों ने भी वहां सजा काटी, उसे गर्व के साथ पूरा किया, बिना क्षमा मांगे। ऐसे लोगों को भारत रत्न दिया जाना चाहिए।”

नासिक के जिला कलेक्टर ए.टी.एम जैक्सन की हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सावरकर को 1911 में अंडमान जेल ले जाया गया था। इस बात को लेकर विवाद है कि क्या सावरकर ने सेलुलर जेल से अपनी शीघ्र रिहाई के लिये अंग्रेजों से माफी मांगी थी ?

उन्होंने कहा, “अंडमान में जेल में लंबी सजा बिताए स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों का साथ नहीं दिया। उन्होंने अंग्रेजों से कोई मानदेय नहीं लिया। सावरकर के समर्थक अगर सेलुलर जेल जाएंगे तो उन्हें महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए गए बलिदान का महत्व पता चलेगा जिन्होंने माफी मांगे बिना अपनी जान दे दी।” कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “सावरकर 1911 से पहले अलग थे। कांग्रेस 1923 के बाद की उनकी विचारधारा का विरोध करती है।”

Web Title: veer Savarkar: Congress attacked Shiv Sena, says Those who are punished by Kalapani deserves Bharat Ratna who did not ask mercy from British

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