वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद ने कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिश्नर से परिसर की वीडियोग्राफी कराने से मना किया, विहिप प्रवक्ता ने पूछा, "क्या मस्जिद के अंदर हथियार रखे हैं?"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 2, 2022 09:30 PM2022-05-02T21:30:16+5:302022-05-02T21:35:58+5:30
ज्ञानवापी मस्जिद मैनेजमेंट कमेटी ने वाराणसी की कोर्ट द्वारा नियुक्त किये गये कमिश्नर को मस्जिद परिसर में सर्वे करने और वीडियोग्राफी करने से मना कर दिया है। इस मामले में विहिप ने आरोप लगाया है कि मस्जिद मैनेजमेंट कोर्ट की अवमानना कर रहा है।
वाराणसी: विश्व हिंदू परिषद ने सोमवार को ज्ञानवापी मस्जिद मैनेजमेंट कमेटी से पूछा है कि आखिर मस्जिद में ऐसा क्या है कि उसने कोर्ट द्वारा नियुक्त किये गये कमिश्नर को मस्जिद परिसर में सर्वे करने और वीडियोग्राफी करने से मना कर दिया है। विहिप ने इसके साथ ही यह भी आकोर लगाया कि मस्जिद मैनेजमेट कमेटी कोर्ट से कुछ तथ्यों को छुपा रही है।
इस मामले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए ज्ञानवापी मस्जिद का मैनेजमेंट देखने वाली अंजुमन इंतेजामिया के फैसले को “कोर्ट की अवमानना” करार दिया है और साथ ही राज्य सरकार को सलाह दी है कि वो अंजुमन इंतेजानिया पर पर कड़ाई से नजर रखें।
इस मामले में बात करते हुए विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, "यह सीधे-सीधे कोर्ट की अवमाननाका मामला है। भला मस्जिद मैनेजमेंट कोर्ट के आदेश को मानने से कैसे इनकार कर सकते हैं और कोर्ट के जरिये तय हुए कमिश्नर को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण करने से कैसे मना कर सकते हैं।"
इसके साथ ही विनोद बंसल ने कहा, "आखिर ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति कौन सी चीज छुपाना चाहती है? ज्ञानवापी मस्जिद परिसर कोर्ट के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र नहीं है।"
मालूम हो कि काशी विश्वानाथ मंदिर मंदिर परिसर स्थित श्रृंगार गौरी पूजा मामले में वाराणसी के सिविल जज रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने 26 अप्रैल को आदेश दिया था कि एडवोकेट कमिश्नर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करेके वीडियोग्राफी कराकर कोर्ट में प्रस्तुत करें।
इसके साथ ही जज रवि कुमार दिवाकर ने यह आदेश भी दिया ता कि एडवोकेट कमिश्नर और पक्षकारों के अलावा एक सहयोगी इस पूरी कार्यवाही के दौरान परिसर में मौजूद रह सकता है।
हालांकि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद जो कि ज्ञानवापी मस्जिद का मैनेजमेंट देखती है। उस कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने पिछले शनिवार को कोर्ट के आदेश विपरित जाते हुए कहा था, ''हम किसी भी सरकारी कर्मचारी को मस्जिद में वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण के प्रवेश नहीं करने देंगे और ज्ञानवापी मस्जिद की मैनेजमेंट कमेटी कोर्ट के इस आदेश का संवैधानिक रूप से विरोध करेगी।"
वहीं ज्ञानवापी मस्जिद मैनेजमेंट कमेटी के इस रूख की कड़ी निंदा करते हुए विहिप नेता विनोद बंसल ने कहा कि इसका मतलब तो सीधा है कि उन्हें या तो देश की न्यायिक प्रणाली पर भरोसा नहीं है, उसके लिए सम्मान नहीं है या फिर उन्होंने मस्जिद के भीतर कुछ आपत्तिजनक सामान छुपा कर रखा है। बंसल ने मस्जिद मैनेजमेंट कमेटी से पूछा, "क्या आपने मस्जिद के अंदर हथियार रखे हैं?"
इसके साथ ही उन्होंने कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन पर आरोप लगाया कि वो अपने बयान से लोगों को हिंसा के लिए उकसाने रहे हैं।
विहिप नेता ने कहा, "यह बहुत गंभीर मामला है और मुझे उम्मीद है कि अदालत इस मामले में कड़ाई से संज्ञान लेगी।" यासीन का जिक्र करते हुए विनोद बंसल ने कहा राज्य सरकार "ऐसे लोगों और संगठन पर कड़ी नजर रखनी चाहिए।