बेंगलुरु, 16 मई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में निर्माणाधीन फ्लाईओवर के दो बीम गिरने से मरने वालों की संख्या 15 हो गई है और 11 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उत्तर प्रदेश की आदित्यनाथ सरकार ने घटना की जाँच के लिए जाँच समिति की गठन किया। जाँच समिति के प्रमुख राज प्रताप सिंह ने बुधवार (16 मई) को घटनास्थल का मुआयना किया। वहीं फ्लाईओवर सेतु निगम के 4 अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया है। सीएम योगी ने हादसे की जांच के लिए एक कमेटी बना दी है। जो 48 घंटे में अपना रिपोर्ट सौंपेगी।
यह वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा तो डीएम ने फौरन कार्रवाई करते हुए डीएम को सस्पेंड कर दिया है। आरोपी कर्मचारी का नाम सुंदर लाल अस्पताल की मॉर्चरी में तैनात है। ये मृतकों को शव देने के बदले 200 रुपए मांगने लगा। वहां आस-पास मौजूद लोगों ने मोबाइल से इसका वीडियो बना लिया।
वाराणसी फ्लाईओवर हादसे ने इन परिवारों को दिया जीवन भर का गम, परिजनों के आंखों में सूख गए आंसू
फ्लाईओवर हादसे के बाद सेतु निगम तथा इस फ्लाईओवर का निर्माण कर रही संस्था के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया है। वाराणसी में फ्लाईओवर निर्माण कर रही संस्था तथा उत्तर प्रदेश सेतु निगम के खिलाफ आज 304, 308, 427 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मंगलवार (15 मई) शाम करीब छह बजे वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के सामने बन रहे फ्लाईओवर के दो बीम गिर गये। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि उत्तर प्रदेश पुल निर्माण निगम इस 2261 मीटर लंबे फ्लाईओवर का निर्माण 129 करोड़ की लागत से कर रहा था। फ्लाईओवर का जो हिस्सा गिरा है, उसे तीन महीने पहले ही बनाया गया था।
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