वनवासी कल्याण आश्रम ने की बंगाल में हिंसा की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग
By भाषा | Updated: July 2, 2021 22:02 IST2021-07-02T22:02:41+5:302021-07-02T22:02:41+5:30

वनवासी कल्याण आश्रम ने की बंगाल में हिंसा की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग
नयी दिल्ली, 2 जुलाई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम ने पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग की और केंद्र सरकार से पीड़ितों को मुआवजा देने की अपील की ।
वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष को सौंपे ज्ञापन में यह बात कही गई है । इसमें यह मांग की गई है कि शिकायतकर्ताओं एवं गवाहों को केंद्रीय सुरक्षा बलों की सुरक्षा मिले तथा न्याय के उद्देश्य से पड़ोसी राज्य असम और बिहार में विशेष अदालत बनाकर उनमें इन मामलों की सुनवाई की जाए।
संगठन के प्रवकता प्रमोद पेठेकर ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र खराडी के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान से मुलाकात की थी ।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को भी डाक से ज्ञापन भेजा गया ।
वनवासी कल्याण आश्रम ने दावा किया है कि राज्य के 16 जिलों में 3662 गांवों में 40 हजार लोग हिंसा का शिकार हुए है तथा सैकड़ों मकान को नुकसान पहुंचाया गया एवं काफी संख्या में लोगों को जान बचाने के लिये पडोसी राज्य में भागना पड़ा ।
ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि अभियुक्तों की जल्द गिरफ्तारी हो और जब तक मुकदमों की सुनवाई चले तब तक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग अपना कैम्प कार्यालय पश्चिम बंगाल में खोले और इन मामलों की निगरानी करे।
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