देहरादून: उत्तराखंड में बुधवार को उस समय एक बड़ा ट्रेन हादसा टल गया जब पूर्णगिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस रेल की पटरियों पर पीछे की तरफ चलने लगी लेकिन कुछ किलोमीटर की दूरी पर जाकर यह रुक गई। घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है।
ट्रेन दिल्ली से टनकपुर जा रही थी। चंपावत के पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने कहा कि बनबसा से उल्टी दिशा में चलने के बाद ट्रेन चकरपुर में रुक गई। इस दौरान किसी तरह के कोई हताहत की खबर नहीं है।
रेलगाड़ी अचानक उल्टी दिशा में दौड़ने लगी-
चंपावत के पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने कहा, 'हो सकता है किसी जानवर के टकराने के दौरान प्रेशर ब्रेक का इस्तेमाल होने से इंजन में तकनीकी समस्या आ गई हो जिसके बाद रेलगाड़ी अचानक उल्टी दिशा में दौड़ने लगी।
बनबसा से दो-तीन किलोमीटर पीछे दौड़ने के बाद ट्रेन चकरपुर में रूक गई और इस घटनाक्रम के दौरान किसी तरह के जान या माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन इस घटना की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सूचना मिलते ही रेलवे विभाग के कई वरीय अधिकारी एक्शन में आ गए और तुरंत इस मामले में जांच करने की बात कही है। साथ ही लोको पायलट, सहायक लोको पायलट व गार्ड को सस्पेंड कर दिया गया है।
इस तरह से ट्रेन को टनकपुर रेलवे स्टेशन पर रोका गया-
टनकपुर रेलवे स्टेशन के अधीक्षक ने बताया कि ट्रेन रिवर्स होने की सूचना मिलते ही रेल कर्मियों को अलर्ट कर दिया गया था। रेलवे अधिकारी ने ये भी कहा कि ब्रेक फेल हो चुके थे इसलिए ट्रैक अवरुद्ध करके ही ट्रेन रोकना एकमात्र विकल्प बचा था। इसलिए रेलवे कर्मियों ने ट्रैक पर जगह-जगह छोटे-छोटे पत्थर बिछा दिए थे। इस तरह से ट्रेन की रफ्तार धीरे-धीरे कम हुई और आखिरकार ट्रेन रुक गई।
उत्तराखंड में एक सप्ताह के भीतर यह दूसरी घटना है जब रेल दुर्घटना होते-होते बची है-
बता दें कि उत्तराखंड में एक सप्ताह के भीतर यह दूसरी घटना है जब रेल दुर्घटना होते-होते बची है। शनिवार को नई दिल्ली से देहरादून आ रही शताब्दी एक्सप्रेस के एक कोच में राजाजी टाइगर रिजर्व की कांसरों रेंज के निकट आग लग गई थी। इस दौरान रेलगाड़ी का पूरा कोच जलकर खाक हो गया था, लेकिन उसमें यात्रा कर रहे 35 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।