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उत्तराखंड आपदा: धौलीगंगा में पानी बढ़ने से रूका बचाव अभियान फिर हुआ शुरू, अब तक 36 शव बरामद

By भाषा | Updated: February 11, 2021 22:14 IST

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तपोवन, 11 फरवरी धौलीगंगा नदी में बृहस्पतिवार को एक बार फिर जलस्तर बढ़ जाने से पिछले चार दिनों से तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में फंसे 25-35 लोगों को बचाने के लिए जारी मैराथन अभियान में थोड़ी देर के लिए रूकावट आई लेकिन उसे फिर शुरू कर दिया गया जबकि दो और शव मिलने के साथ ही आपदाग्रस्त क्षेत्र से अब तक 36 शव बरामद हो चुके हैं, वहीं 168 अन्य लापता हैं ।

चमोली के अपर जिला सूचना अधिकारी रवींद्र नेगी ने बताया कि धौलीगंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण रूका बचाव अभियान दोबारा शुरू हो गया है । उन्होंने बताया कि बचाव दलों द्वारा सुरंग में मलबा हटाने तथा ड्रिलिंग का काम फिर शुरू कर दिया गया है ।

इससे पहले, राज्य के चमोली जिले में रविवार को आई आपदा के बाद से सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए लगातार अभियान चला रही सेना, आइटीबीपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की संयुक्त टीम के बचाव कर्मियों और मशीनों को दोपहर बाद धौलीगंगा के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने के कारण सुरंग से बाहर निकालना पड़ा था।

इससे क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल बन गया था और प्रशासन को तत्काल क्षेत्र में अलर्ट जारी करना पड़ा था जिससे लोग सुरक्षित स्थानों पर भाग सकें । हालांकि, कुछ ही देर में नदी में जलस्तर सामान्य हो गया ।

इससे पहले, गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन एवं जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने तपोवन मे संवाददाताओं को वहां चल रहे बचाव और राहत कार्यों की जानकारी दी । रमन ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सुरंग के अंदर से मलबा निकालने का काम लगातार जारी है और बचाव कार्य में लगे लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर कार्य किया जा रहा है।

जिलाधिकारी स्वाति ने बताया कि मरीन कमांडो की एक टुकडी के माध्यम से श्रीनगर डैम और उसके आसपास खोजबीन अभियान चलाया जा रहा है । इसके अतिरिक्त एसडीआरएफ को रैणी तपोवन के अतिरिक्त अलकनंदा व धौलीगंगा किनारे सर्च आपरेशन में लगाया गया है।

उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को अलकनंदा नदी के किनारे से दो और शव बरामद हुए जिसके साथ ही आपदा में अब तक मिलने वाले शवों की संख्या 36 हो गई जबकि 169 अन्य लोग अभी भी लापता हैं। इन लापता लोगों में वे 25-35 लोग भी शामिल हैं जो तपोवन सुरंग में फंसे हुए हैं ।

उधर, चमोली में कर्णप्रयाग संगम पर आपदा में मिले शवों का नियमानुसार 72 घंटे बाद अंतिम संस्कार किया गया।

आपदा में मरने वालों के परिजनों को राज्य सरकार द्वारा घोषित चार-चार लाख रूपये की सहायता राशि का वितरण भी शुरू कर दिया गया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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