उत्तराखंड विधानसभा चुनावः सत्ता में वापसी के पहले ही कांग्रेस में खेमेबाजी जोरों पर, महासचिव हरीश रावत का दर्द फूटा
By शीलेष शर्मा | Published: December 22, 2021 07:16 PM2021-12-22T19:16:42+5:302021-12-22T19:17:37+5:30
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस पद के प्रवल दावेदार हैं तो दूसरी तरफ हाल ही में पार्टी में वापस लौटे यशपाल आर्य सहित दूसरे नेता अपनी दावेदारी को मज़बूत करने में जुटे हैं।
नई दिल्लीः अगले साल की शुरुआत में प्रस्तावित उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने बुधवार को पार्टी संगठन पर असहयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका मन सब कुछ छोड़ने को कर रहा है।
उत्तराखंड में कांग्रेस की सत्ता में वापसी की संभावना देख पार्टी में चुनाव से पूर्व ही खेमेबाजी शुरू हो गयी है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि खेमेबाजी का प्रमुख कारण मुख्यमंत्री पद पर नेताओं की अपनी-अपनी दावेदारी को पहले से ही मज़बूत करने की होड़ है।
जहाँ एक तरफ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस पद के प्रवल दावेदार हैं तो दूसरी तरफ हाल ही में पार्टी में वापस लौटे यशपाल आर्य सहित दूसरे नेता अपनी दावेदारी को मज़बूत करने में जुटे हैं। चूँकि यशपाल आर्य दलित नेता हैं अतः उनको भरोसा है कि पंजाब की तर्ज़ पर उत्तराखंड में भी कांग्रेस नेतृत्व सत्ता में वापसी पर किसी दलित को यह जिम्मेदारी देना चाहेगी।
#चुनाव_रूपी_समुद्र
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 22, 2021
है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है,
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कांग्रेस की राज्य में खेमेबाज़ी उस समय सार्वजनिक हुई, जब हरीश रावत ने ट्वीट किया " है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं।
फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्" बड़ी उपापोह की स्थिति में हूंँ, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि #भगवान_केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।#Uttarakhand@INCUttarakhand
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 22, 2021
जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है! फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्" बड़ी उपापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।"
हरीश रावत ने पार्टी नेतृत्व पर परोक्ष हमला उसकी कार्यशैली को लेकर किया ,हालांकि उन्होंने लोकमत से बात करते हुये ऐसे किसी हमले की बात से इनकार किया और कहा कि चुनाव का समय है फ़ैसले लेकर सभी को इस जंग के लिये एकजुट करने की ज़रूरत है।