Uttar pradesh ki khabar: दो छोटी बच्चियों ने मिसाल कायम की, सपनों की गुल्लक तोड़कर प्रधानमंत्री राहत कोष में योगदान दिया
By भाषा | Updated: April 2, 2020 21:09 IST2020-04-02T21:09:04+5:302020-04-02T21:09:04+5:30
बहराइच की दो बहनों छह साल की माइशा अरोड़ा और दस साल की आलिया अरोड़ा ने गुल्लक खाली कर प्रधानमंत्री राहत कोष में पांच- पांच हजार रुपये की धनराशि जिलाधिकारी के माध्यम से भेजी है। स्थानीय कपड़ा व्यवसायी गौरव अरोड़ा की दोनों बेटियों ने कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की मदद में जब पूरे देश को आगे आते देखा तो उनसे भी नहीं रहा गया।

जिलाधिकारी शंभू कुमार ने आज कहा कि बच्चों की गुल्लकें उनकी बचत ही नहीं, उनका सपना होती हैं। (file photo)
बहराइचःगुड़िया, चॉकलेट या खिलौने खरीदने के लिये जतन से अपनी गुल्लक में जोड़ा पैसा कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिये समर्पित करके यहां दो छोटी बच्चियों ने बड़ों के लिये एक मिसाल कायम की है।
बहराइच की दो बहनों छह साल की माइशा अरोड़ा और दस साल की आलिया अरोड़ा ने गुल्लक खाली कर प्रधानमंत्री राहत कोष में पांच- पांच हजार रुपये की धनराशि जिलाधिकारी के माध्यम से भेजी है। स्थानीय कपड़ा व्यवसायी गौरव अरोड़ा की दोनों बेटियों ने कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की मदद में जब पूरे देश को आगे आते देखा तो उनसे भी नहीं रहा गया।
आलिया से जब इसकी प्रेरणा का स्रोत पूछा गया तो उसने बताया कि वह अपने बाबा कुलभूषण अरोड़ा को पिछले कई वर्षों से गरीबों के लिए काम करते देख रही है और उन्हीं से प्रेरणा मिली। माइशा ने बताया कि परिजनों से मिलने वाला पैसा खर्च नहीं करके वे हमेशा गुल्लक में डालती आई हैं।
इस बारे में जिलाधिकारी शंभू कुमार ने आज कहा कि बच्चों की गुल्लकें उनकी बचत ही नहीं, उनका सपना होती हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री राहत कोष में योगदान देकर समाज को दिशा दिखाने का काम किया है।