UP पुलिस को निर्देश, लॉकडाउन के दौरान राहत सामग्री की मदद देते समय उसकी फोटो न खींचे

By भाषा | Published: April 8, 2020 02:23 PM2020-04-08T14:23:52+5:302020-04-08T14:23:52+5:30

Coronavirus in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के 24 ताजा मामले सामने के आने के साथ संक्रमित मामलों की कुल संख्या 332 हो गई। मंगलवार को स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से जारी बुलेटिन में बताया गया कि 24 ताजा मामले सामने आए हैं जिनमें से 12 तबलीगी जमात से जुड़े हैं।

Uttar Pradesh Police should not take pictures of someone while helping them with relief material lockdown | UP पुलिस को निर्देश, लॉकडाउन के दौरान राहत सामग्री की मदद देते समय उसकी फोटो न खींचे

उत्तर प्रदेश पुलिस लॉकडाउन के दौरान खाना खिलाते हुए (तस्वीर- स्त्रोत- ट्विटर)

Highlightsलाकडाउन शुरू होने के बाद से अभी तक 112 नंबर पर फोन आने के बाद करीब 91 हजार लोगों को मदद दी जा चुकी है।सोशल मीडिया पर ऐसी कई तस्वीरें सामने आई है, जिसमें पुलिसकर्मी राहत समाग्री देते हुए दिख रहे हैं।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की आपातकालीन सेवा 112 के अपर पुलिस महानिदेशक असीम अरूण ने कहा है कि पुलिस की गाड़ियां (पीआरवी) में तैनात पुलिसकर्मी कोविड-19 लाक डाउन में फंसे लोगो को राहत सामग्री बांटते समय उनकी फोटो न खींचे । अरूण ने उप्र के सभी पुलिस कप्तानों को भेजे गये पत्र में कहा है, ''पीआरवी द्वारा राहत सामग्री पहुंचाते समय संबंधित की फोटो खींची जाती है जो सोशल मीडिया तक पहुंच जाती है । ऐसा संज्ञान में आया है कि अपना चेहरा सार्वजनिक होने के डर से जरूरतमंद लोग राहत सामग्री प्राप्त करने से कतरा रहे हैं।''

उन्होंने कहा, ''अत: आप अपने जनपदों में संचालित पीआरवी को राहत सामग्री देते हुये फोटो न खींचे जाने तथा इस प्रकार की फोटो किसी भी प्रकार के सोशल एप्स पर पोस्ट न करने संबंधी निर्देश निर्गत करें ।’’ एडीजी अरूण ने 'भाषा' को बताया, ''लाकडाउन शुरू होने के बाद से अभी तक 112 नंबर पर फोन आने के बाद करीब 91 हजार लोगों को भोजन, दवाई आदि पीआरवी के सिपाहियों द्वारा उपलब्ध करायी जा चुकी है । इसके अलावा हजारों लोगो को बिना फोन काल के भी मदद की जा रही है और यह सिलसिला लगातार जारी है ।’’

उन्होंने बताया, ''करीब 1100 महिला और पुरूष पुलिस कर्मी एक भवन के अंदर इमर्जेंसी सेवाओं के 112 नंबर पर आई फोन काल रिसीव करते है जबकि पूरे प्रदेश में 35 हजार पीआरवी (पुलिस की गाडि़यों) पर हजारों जवान चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं और कोरोना वायरस के कारण लाकडाउन में आम जनता की उनके दरवाजे पर जाकर मदद कर रहे हैं।'' 

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