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उत्तर प्रदेश पुलिस ने 'यूपी में का बा' गाने वाली नेहा सिंह राठौर को भेजा नोटिस, नफरत फैलाने का आरोप, तीन दिन में मांगा जवाब

By विनीत कुमार | Updated: February 22, 2023 07:55 IST

उत्तर प्रदेश पुलिस ने नेहा सिंह राठौर को नोटिस भेज कर उनके गाने को लेकर जवाब मांगा है। आरोप है कि नेहा सिंह के गाने 'यूपी में का बा' से समाज में वैमनस्य और तनाव फैला है।

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ठळक मुद्देनेहा सिंह राठौर को यूपी पुलिस की ओर से नोटिस भेजा गया है, नफरत फैलाने का आरोप।यह नोटिस 'यूपी में का बा सीजन-2' वीडियो के संबंध में दिया गया है।यूपी पुलिस ने नोटिस जारी कर तीन दिन में इसका जवाब देने को कहा है।

कानपुर: उत्तर प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को 'यूपी में का बा' फेम गायिका नेहा सिंह राठौर को अपने वीडियो के जरिए लोगों के बीच वैमनस्य फैलाने के आरोप में थोटिस जारी किया। यह नोटिस 'यूपी में का बा सीजन-2' वीडियो के संबंध में दिया गया है, जिसे उनके ट्विटर और यूट्यूब पर अपलोड किया गया था। 

कानपुर पुलिस की एक टीम मंगलवार रात कानपुर (ग्रामीण) में नेहा सिंह के आवास पर पहुंची थी। नोटिस में पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए उनके वीडियो को लेकर कई सवाल किए हैं और इसके जवाब मांगे गए हैं।

नोटिस में पुलिस ने पूछे नेहा सिंह राठौर से क्या-क्या सवाल?

पुलिस की ओर जारी हुए नोटिस में पूछा गया कि क्या वायरल हुए वीडियो में वही हैं, और यदि हां तो क्या वीडियो उन्होंने ही अपलोड किए थे। पुलिस ने यह भी पूछा है कि जिस यूट्यूब चैनल और ट्विटर अकाउंट से वीडियो शेयर किया गया वह उनका ही है? पुलिस ने यह भी पूछा है कि क्या वीडियो में गाने बोल उन्होंने खुद लिखे हैं और अगर हां, तो क्या वह इसमें लिखी लाइनों के साथ खड़ी हैं? 

पुलिस ने नोटिस में पूछा है कि 'अगर उन्होंने (नेहा सिंह राठौर) ये गीत नहीं लिखे हैं, तो क्या इसे लिखने वाले ने आपकी अनुमति ली है?' पुलिस ने यह भी पूछा कि क्या वह इस वीडियो के समाज पर प्रतिकूल असर से अवगत है? 

पुलिस ने तीन दिन में मांगा जवाब

यूपी पुलिस ने नोटिस जारी कर तीन दिन में नेहा सिंह राठौर को जवाब देने को कहा है। पुलिस की ओर से कहा गया है कि ऐसा करने में विफल रहने पर नेहा सिंह के खिलाफ आईपीसी और सीआरपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। 

यूपी पुलिस की नोटिस में कहा गया है, 'इस गीत ने समाज में वैमनस्य और तनाव पैदा किया है, और आप इस मुद्दे पर अपना स्टैंड स्पष्ट करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य हैं। इसलिए आपको नोटिस मिलने के तीन दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करना होगा। 

नोटिस में आगे लिखा गया है, 'यदि आपका जवाब संतोषजनक नहीं पाया जाता है, तो आईपीसी और सीआरपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और उचित कानूनी जांच की जाएगी।'

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