उत्तर प्रदेश: रोजादारों की वजह से बची नवजात की जान, इंसानियत की मिसाल हुई पेश
By भारती द्विवेदी | Published: May 30, 2018 11:08 AM2018-05-30T11:08:41+5:302018-05-30T11:08:41+5:30
खबर के अनुसार सुबह जब रोजादार मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए पहुंचे तो पास के पार्क से बच्चे की रोने की आवाज आई।
नई दिल्ली, 30 मई: नवाबों के शहर लखनऊ से इंसानियत की बेहतरीन मिसाल पेश करते हुई एक खबर आई है। वहां के कश्मीरी मोहल्ले स्थित सरगा मस्जिद पार्क के पास एक नवजात की जान रोजादारों की वजह से बच गई है। नवभारत टाइम्स की खबर के अनुसार मंगलवार की सुबह जब रोजादार मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए पहुंचे तो पास के पार्क से बच्चे की रोने की आवाज आई। जिसके बाद रोजादार पार्क पहुंचे। किसी ने अपने नवजात बच्चे को पॉलीथिन में डाल पार्क की रेलिंग से लटका दिया था।
नन्ही बच्ची को बचाने के लिए मुस्लिम युवक ने तोड़ा रोजा, बोला- जान की हिफाजत ज्यादा जरूरी
रोजादारों ने पॉलीथिन से नवजात बच्चे को बाहर निकाला और पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंचे जांच-पड़ताल करने लगी। बाद में बच्चे को पास में ही रहने वाले टेंट व्यवसायी शीलू और उनकी बहन को सौंपा दिया गया। फूलबानो की अपनी कोई औलाद नहीं है और उन्होंने आगे बढ़कर बच्चे को अपनाने की इच्छा जताई है। फिलहाल बच्चे को बलरामपुर अस्पताल ले जाया गया, जहां वो डॉक्टर की देखरेख में है। पुलिस से मामले की जानकारी मिलने के बाद चाइल्ड केयर वालों ने मामले में हस्तक्षेप किया है। उन्होंने फूलबानो से बच्चे को अपनी कस्टडी में लिया है।
चाइल्ड लाइन के मेंबर अजीत ने के अनुसार, नवजात अस्पताल के बाद अभी चाइल्ड लाइन के पास ही रहेगा। सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी के नियम के मुताबिक नवजात को 60 दिन तक सीडब्ल्यूसी की देखरेख में रखा जाएगा। फिर विज्ञापन और अन्य माध्यमों से नवजात के माता-पिता से को ढूंढने की कोशिश की जाएगी। अगर वो नहीं मिलते हैं, फिर अडॉप्शन की प्रक्रिया निभाई जाएगी।
अभी हाल ही में बिहार के दरभंगा में एक मुस्लिम युवक ने एक मासूम की जान बचाने के लिए अपना रोजा तोड़ दिया है। मुस्लिम युवक ने अपना रोजा तोड़ बच्ची को खून देकर उसकी जान बचाई थी।
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