Uttar Pradesh: दामिनी ऐप बेअसर, यूपी में आकाशीय बिजली से 25 लोगों की मौत हुई
By राजेंद्र कुमार | Updated: June 16, 2025 17:31 IST2025-06-16T17:31:21+5:302025-06-16T17:31:21+5:30
मानसून आने के पहले बदले मौसम में हुई इस जनहानि को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में आंधी, तेज बारिश और ओलावृष्टि से उत्पन्न हालात को लेकर अधिकारियों को तत्काल राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं.

Uttar Pradesh: दामिनी ऐप बेअसर, यूपी में आकाशीय बिजली से 25 लोगों की मौत हुई
लखनऊ: देश और प्रदेश में लोगों को आकाशीय बिजली गिरने से लोगों को बचाने के लिए भारत सरकार ने दामिनी एप बनाया हुआ है. इस एप के बाद भी बीते 28 घंटो के दौरान प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने से 25 महिला और पुरुष की मौत हो गई. इसके अलावा दो लोगों को आंधी तूफान से हुई है. मानसून आने के पहले बदले मौसम में हुई इस जनहानि को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में आंधी, तेज बारिश और ओलावृष्टि से उत्पन्न हालात को लेकर अधिकारियों को तत्काल राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं.
उन्होंने कहा है, सूबे में आकाशीय बिजली से मारे लोगों के परिजनों को तत्काल आर्थिक सहायता दी जाए. सीएम योगी के इस निर्देश पर आकाशीय बिजली से मारे लोगों के परिजनों को चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है और आंधी और तेज बारिश की चपेट में आए दो दर्जन से अधिक लोगों का सरकारी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.
सीएम योगी का निर्देश :
राज्य के राहत आयुक्त कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, गत रविवार को सुबह आठ बजे से रात आठ बजे के बीच प्रदेश के 14 अलग- अलग जिलों से आकाशीय बिजली गिरने से 25 लोगों की मौत हुई है. आकाशीय बिजली गिरने से प्रयागराज में पांच, जौनपुर में चार, ललितपुर, गोरखपुर, बरेली, बिजनौर से दो- दो, कानपुर देहात, कुशीनगर, शाहजहांपुर, लखनऊ, हरदोई, संभल, झांसी, जालौन से एक- एक मौत हुई है. इसमें 10 महिलाएं और दो से तीन साल की बच्चियां शामिल हैं. अभी भी राज्य के कई जिलों में आकाशीय बिजली गिरने का खतरा बना हुआ है.
मौसम विभाग की ओर से सोमवार और मंगलवार को भी सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद और रामपुर में मेघगर्जन के साथ ही वज्रपात अलर्ट जारी किया गया है. प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने से हुई इस जनक्षति को गंभीरता से लेते हुए सीएम योगी ने कृषि और सिंचाई विभाग तथा राहत आयुक्त कार्यालय के अफसरों को ग्रामीणों के बीच जाकर उन्हे जागरूक करने का निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश के सभी गांवों में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से बचाने के लिए दामिनी एप के बारे में लोगों को बताया जाए. उन्हें यह बताया जाए कि इस एप के जरिए आकाशीय बिजली गिरने की सूचना आधा घंटे पहले ही मिल जाती है. इसलिए सभी लोग इस एप को मोबाइल में डाउनलोड कर ले और मौसम खराब होने पर सुरक्षित स्थान पर रहे, खेत में काम ना करे.
यह बताने के साथ ही आकाशीय बिजली गिरने से मारे लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता दी जाए. साथ ही, घायलों का समुचित इलाज प्राथमिकता के आधार पर कराया जाए. इसके अलावा फसलों को हुए नुकसान का जल्द सर्वे कराकर शासन को रिपोर्ट भेजी जाए, ताकि समय रहते किसानों को सहायता उपलब्ध कराई जा सके.
क्या है दामिनी ऐप :
उत्तर प्रदेश में हर वर्ष करीब सौ से अधिक लोगों की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने होती है. ऐसी मौतों पर अंकुश लगाने के लिए भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने चार वर्ष पहले दामिनी एप तैयार किया था. यह दामिनी एप आकाशीय बिजली गिरने के संबंध में आधे घंटे पहले ही अलर्ट का संदेश भेज कर लोगों को सावधान कर देता है. यह ऐप से हर आमजन को यह भी बताता है कि बिजली कहां और कब गिरने की आशंका है.
एप की इस सूचना के आधार पर बिजली गिरने से लोगों की जान बचायी जा सकती है. इसी सोच के तहत केंद्र सरकार ने हर राज्य को ग्रामीण क्षेत्रों में इस ऐप का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा. यूपी में भी इस ऐप का प्रचार-प्रसार किया गया. ग्रामीणों को इसके बारे में बताया गया लेकिन उक्त एप को मोबाइल पर लोड करने में ग्रामीणों से बहुत रुचि नहीं ली.
राज्य में दो करोड़ से अधिक ग्रामीण किसान समान निधि का पैसा अपने मोबाइल के जरिए पा रहे हैं, लेकिन इस एप को करीब पचास हजार लोगो ही लोड किया है. इसी का यह परिणाम है कि बीते 24 घंटे में 25 लोगों को लोगों को आकाशीय बिजली की चपेट में आने के अपनी जान गँवानी पड़ी. जबकि बीते वर्ष 117 लोगों की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने से हुई थी.
यह नया सिस्टम लगा रही सरकार :
दामिनी ऐप के अलावा राज्य में आकाशीय बिजली गिरने से लोगों को बचाने के लिए प्रदेश सरकार हर जिले में लाइटिंग अलर्ट मैनेजमेंट सिस्टम लगाने की तैयारी है. इस सिस्टम की खासियत यह है कि ये आकाशीय बिजली गिरने से करीब 30 मिनट पहले पता लगाकर चेतावनी दे सकता है. इस दौरान लोगों बचाने के प्रबंध किया जा सकता है.
इस साल के अंत तक पहले चरण में इस सिस्टम के स्थापित और एक्टिव होने की संभावना है. उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त के अनुसार, पहले चरण में 37 जिलों लाइटिंग अलर्ट मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित करने की कार्रवाई की जा रही है. दूसरे और तीसरे चरण में क्रमशः 20 और 18 जिलों में यह सिस्टम लगाया जाएगा. इस सिस्टम की स्थापना पर करीब 300 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
क्यों गिरती है आकाशीय बिजली :
आसमान में धनात्मक और ऋणात्मक आवेशित बादल उमड़ते-घुमड़ते हुए जब एक-दूसरे के पास आते हैं तो टकराने (घर्षण) से उच्च शक्ति की बिजली उत्पन्न होती है. इससे दोनों तरह के बादलों के बीच हवा में विद्युत-प्रवाह गतिमान हो जाता है. विद्युत-धारा प्रवाहित होने से रोशनी की तेज चमक पैदा होती है.
ट्रफ लाइन के पास आकाशीय बिजली गिरने (वज्रपात) की आशंका अत्यधिक होती है. यूपी-बिहार में सतह काफी गरम है और काफी ज्यादा इन राज्यों में बारिश होती है. गर्म-ठंडे के मेल से ही यहां ज्यादा बिजली गिरने की घटनाएं होती हैं.