उत्तर प्रदेशः भाजपा और सुभासपा का विलय जल्द!, योगी सरकार में शामिल होंगे ओपी राजभर, सभी 80 लोकसभा सीटों को जीतने का लक्ष्य
By राजेंद्र कुमार | Published: February 15, 2023 08:16 PM2023-02-15T20:16:04+5:302023-02-15T20:17:51+5:30
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के मुखिया ओपी राजभर सहित कई अन्य नेता भगवा धारण करने के लिए भाजपा के शीर्ष नेताओं के संपर्क में हैं.
लखनऊः ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और जी- 20 सम्मेलन का आयोजन खत्म हो गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के रूटीन कार्यों को पूरा करने में जुट गए हैं. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी अपनी नई तीन गठित करने के लिए फिर से विचार विमर्श कर रहे हैं. इसके तहत ही अब जल्दी ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) फिर से अन्य दलों के नेताओं (बाहरियों) के लिए अपने दरवाजे खोलेगी.
भाजपा नेताओं की दूसरे दलों के नेताओं के साथ ही मजबूत जातीय क्षत्रपों पर नजर है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के मुखिया ओपी राजभर सहित कई अन्य नेता भगवा धारण करने के लिए भाजपा के शीर्ष नेताओं के संपर्क में हैं. अब जल्दी ही भाजपा ऐसे नेताओं के लिए अपने दरवाजे खोलेगी.
ताकि निकाय चुनाव जीतने के साथ ही लोकसभा चुनावों में सूबे की सभी 80 लोकसभा सीटों को जीतने का लक्ष्य हासिल किया जा सके. भाजपा नेताओं के अनुसार, पार्टी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है. लोकसभा चुनावों के पहले राज्य में निकाय चुनाव भी होने हैं. जिसके चलते पार्टी राज्य में नए चेहरों को सदस्यता दिलाने का अभियान शुरू करेगी.
इस क्रम में सभी जाति-वर्ग के जनाधार वाले इच्छुक लोगों की पार्टी में ज्वाइनिंग कराई जाएगी, मगर ज्यादा फोकस पिछड़े और दलित वर्ग के आधार वाले नेताओं पर रहेगा. इस अभियान के जरिए पार्टी जहां अपना सामाजिक ताना-बाना दुरुस्त करेगी, वहीं विपक्ष की पिछड़ों को लेकर चलाई जा रही मुहिम की हवा भी निकालने में जुटेगी.
इस मंशा की पूर्ति के लिए जल्द ही पार्टी नए सिरे से जॉइनिंग कमिटी गठित करेगी. यह कमेटी वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले बनाई गई थी. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी की अध्यक्षता में बनाई गई इस कमेटी में परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह के साथ कई नेता शामिल थे.
कमेटी ने अलग-अलग दलों से कुछ नेताओं को भाजपा में शामिल भी करवाया था. अब निकाय चुनाव से पहले भी दूसरे दलों के कई नेता भाजपा में आने की जुगत में हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा छोड़कर गए एक पश्चिमी यूपी के एक पूर्व मंत्री भी कोशिश में लगे हुए थे, लेकिन बात नहीं बन सकी थी.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी चाहते हैं कि अन्य दलों के जो नेता भाजपा में आना चाहते हैं, उन्हें मौका दिया जाए. सुभासपा के मुखिया ओपी राजभर को लेकर वह कई बार अपनी इस मंशा को व्यक्त भी कर चुके हैं. जिसके बाद से ही ओपी राजभर ने भाजपा की नीतियों के खिलाफ बोलना बंद कर दिया है. ऐसे में अब यह चर्चा है कि जल्दी ही वह भाजपा गठबंधन का हिस्सा होंगे और सुभासपा का भाजपा में विलय हो जाएगा.