लाइव न्यूज़ :

उत्तर प्रदेशः जज साहब के लिए भारी पड़ गया कांस्टेबल की वर्दी उतरवाना, हो गया तबादला

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: July 28, 2019 10:14 IST

जज साहब की कार को रास्ता नहीं देना एक ड्राइवर कॉन्स्टेबल को महंगा पड़ गया. सजा के तौर पर ड्राइवर कॉन्स्टेबल को कोर्ट रूम के अंदर अपनी वर्दी उतारनी पड़ी और करीब आधे घंटे तक खड़ा रहना पड़ा. लेकिन जज साहब को भी इस तरह से अपना रुतबा दिखाना भारी पड़ गया और उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस पर संज्ञान लेते हुए जज साहब का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया.

Open in App

जज साहब की कार को रास्ता नहीं देना एक ड्राइवर कॉन्स्टेबल को महंगा पड़ गया. सजा के तौर पर ड्राइवर कॉन्स्टेबल को कोर्ट रूम के अंदर अपनी वर्दी उतारनी पड़ी और करीब आधे घंटे तक खड़ा रहना पड़ा. लेकिन जज साहब को भी इस तरह से अपना रुतबा दिखाना भारी पड़ गया और उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस पर संज्ञान लेते हुए जज साहब का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया.

उत्तर प्रदेश पुलिस में सेवा देने वाले 38 वर्षीय ड्राइवर कॉन्स्टेबल घूरेलाल ने कोर्ट जाते समय जज की कार को रास्ता नहीं दिया था और इससे नाराज होकर जज उन्हें यह सजा सुना दी. इस सजा से बेहद दुखी कॉन्स्टेबल ने आगरा के एसएसपी को इस संबंध में खत लिखकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी. यूपी के डीजीपी ओ.पी. सिंह ने इस पूरे मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए कहा है कि इस पूरे मामले को उचित स्तर पर उठाया जाएगा.

डीजीपी ने इस मामले में ट्वीट कर कहा, हम हरेक पुलिसकर्मी के गरिमा के साथ खड़े हैं और समाज के हरेक वर्ग से अपील करते हैं कि वे सुरक्षा बलों का सम्मान करें. डीजीपी द्वारा इस मामले में ट्वीट करने और आगरा के एसएसपी द्वारा मामले को हाई कोर्ट को रेफर करने के बाद जज साहब का तुरंत तबादला कर उन्हें महोबा जाने का आदेश दिया गया है. कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मयंक कुमार जैन द्वारा शनिवार को भेजे गए आगरा के एडिशनल चीफ जुडिशल मैजिस्ट्रेट संतोष कुमार यादव के ट्रांसफर आदेश से समझा जा रहा है कि शुक्र वार को पुलिसकर्मी की वर्दी उतरवाने की हरकत को हाई कोर्ट ने भी गंभीरता से लिया है.

यादव को महोबा के डिस्ट्रक्टि लीगल सिर्वसेज अथॉरिटी के पूर्णकालिक सचिव का पदभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है.आदेश में तुरंत चार्ज हैंडओवर कर नई नियुक्ति का पदभार ग्रहण करने की रिपोर्ट भेजने की बात भी कही गई है.

गौरतलब है कि यह घटना मालपुरा स्थित किशोर अदालत सुबह 11 बजे हुई. इस पूरे मामले में आगरा के एसएसपी बबलू कुमार के अनुसार कॉन्स्टेबल ड्राइवर घूरेलाल ने आरोप लगाया है कि उनके साथ कोर्ट में जज ने अपमान किया है. जज ने कार को रास्ता नहीं देने पर दंड स्वरूप उन्हें (घूरेलाल को) वर्दी, टोपी और बेल्ट उतारने और आधे घंटे तक खड़ा रहने के लिए बाध्य किया.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, कोर्ट से 100 मीटर पहले जज ने पुलिस वैन से रास्ता देने के लिए हॉर्न और सायरन बजाया लेकिन घूरेलाल किसी वजह से रास्ता नहीं दे सके. इसके बाद जज नाराज हो गए और उन्होंने घूरेलाल को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा जहां उनकी वर्दी उतरवाई गई.

टॅग्स :उत्तर प्रदेशup police
Open in App

संबंधित खबरें

ज़रा हटकेShocking Video: तंदूरी रोटी बनाते समय थूक रहा था अहमद, वीडियो वायरल होने पर अरेस्ट

क्राइम अलर्ट4 महिला सहित 9 अरेस्ट, घर में सेक्स रैकेट, 24400 की नकदी, आपतिजनक सामग्री ओर तीन मोटर साइकिल बरामद

क्राइम अलर्टप्रेम करती हो तो चलो शादी कर ले, प्रस्ताव रखा तो किया इनकार, प्रेमी कृष्णा ने प्रेमिका सोनू को उड़ाया, बिहार के भोजपुर से अरेस्ट

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

ज़रा हटकेVIDEO: सीएम योगी ने मोर को अपने हाथों से दाना खिलाया, देखें वीडियो

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत