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उत्तर प्रदेश में प्रवासियों की घर वापसी से बढ़ा कोरोना का खतरा, राज्य में 1,041 मजदूर पाए गए संक्रमित

By पल्लवी कुमारी | Updated: May 21, 2020 07:53 IST

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के 4,926 मामले सामने आ चुके हैं। राज्य में कोविड-19 से 2918 लोग ठीक हो चुके हैं और 123 लोगों की मौत हो चुकी है।

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ठळक मुद्देबस्ती जिले में मंगलवार (19 मई) को सामने आए कोरोना संक्रमण के 50 मामलों में सभी प्रवासी मजदूर हैं और उनका इलाज विभिन्न अस्पतालों में शुरू कर दिया गया है। यूपी सरकार के मुताबिक राज्य में रोज डेढ़ से दो लाख प्रवासी श्रमिक ट्रेनों और बसों के माध्यम से अन्य राज्यों से लौट रहे हैं।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रोज डेढ़ से दो लाख प्रवासी मजदूर ट्रेनों और बसों के माध्यम से अन्य राज्यों से लौट रहे हैं। दूसरे राज्यों से लौटने वाले प्रवासी मजदूरों में कोरोना वायरस का खतरा और मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अब तक 1,041 प्रवासी मजदूर जो अन्य राज्यों से घर लौटें हैं, कोरोनो वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने दी है। ताजा मामला बाराबंकी जिले का है, जहां 95 प्रवासी मजदूर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। ये सारे मामले 24 घंटे के अंदर ही आए हैं। बुधवार को बताए गए 249 पॉजिटिव मामलों में से 50 ताजा मामले बाराबंकी में दर्ज किए गए थे, वे सभी प्रवासी कर्मचारी थे। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के 4,926 हैं और 123 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में 2918 लोग ठीक हो चुके हैं।

यूपी के बस्ती जिले में 50 प्रवासी मजदूर कोविड-19 से संक्रमित 

बस्ती जिले में मंगलवार (19 मई) को सामने आए कोरोना संक्रमण के 50 मामलों में सभी प्रवासी मजदूर हैं और उनका इलाज विभिन्न अस्पतालों में शुरू कर दिया गया है। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने बुधवार (20 मई) को बताया कि मंगलवार को संक्रमण के एक साथ 50 मामले आने के बावजूद स्थिति नियंत्रण में कर ली गई है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित सभी 50 लोग प्रवासी मजदूर हैं और इनमें से 14 बस्ती के हैं और बाकी 36 लोग आसपास के जिलों के हैं। उन्होंने बताया कि 12 मई को ये सभी लोग श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बस्ती आए थे।

मुजफ्फरनगर में चार प्रवासी श्रमिक कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए

मुजफ्फरनगर जिले में चार और प्रवासी मजदूर कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं जिससे जिले में कोरोना वायरस के कुल मरीजों की संख्या बुधवार (20 मई) को बढ़कर आठ हो गई। अतिरिक्त जिलाधिकारी आलोक कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि उन्हें 83 नमूनों की जांच रिपोर्ट मिली थी जिसमें चार व्यक्तियों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई और बाकी की रिपोर्ट निगेटिव आई। उन्होंने कहा कि ये सभी चार व्यक्ति प्रवासी मजदूर हैं जो महाराष्ट्र से आए थे। तीन व्यक्ति बुढाना में एक पृथक केंद्र में पृथक-वास में रखे गए थे जबकि एक व्यक्ति जिले के चरथावाल में एक केंद्र में था। 

यूपी के बाकी राज्यों में भी प्रवासी मजदूर पाए गए कोरोना संक्रमित 

अयोध्या में 21 प्रवासी मजदूर संक्रमित हैं, इटावा में 15, प्रयागराज में 12,  11 प्रतापगढ़ में और 10 रामपुर में पाए गए हैं। 

यूपी सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में जो लोग लौटे हैं उनमें से 43,625 नमूने एकत्र किए गए हैं और जांच किए गए हैं। जबकि 5.36 लाख से अधिक आशा (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) की निगरानी में थे, मंगलवार (19 मई) को निगरानी में आने वाले प्रवासियों की संख्या 4.75 लाख थी। 

उत्तर प्रदेश में रोज लौट रहे हैं डेढ़ से दो लाख प्रवासी कामगार

उत्तर प्रदेश में रोज डेढ़ से दो लाख प्रवासी श्रमिक ट्रेनों और बसों के माध्यम से अन्य राज्यों से लौट रहे हैं। अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने बुधवार (20 मई) को लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, ''बुधवार तक 838 श्रमिक ट्रेन या तो आ गई हैं या शाम तक आ जाएंगी । हमने 206 ट्रेनों की अनुमति दे है जो अगले 48 घंटे में उत्तर प्रदेश पहुंच जाएंगी ।'' उन्होंने बताया कि आज तक श्रमिकों और कामगारों के लिए विभिन्न प्रदेशों से 1044 ट्रेनों की व्यवस्था हुई है । पूरे देश में 1000 से अधिक ट्रेन लाने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य बन गया है।

अवस्थी ने बताया कि बुधवार को 100 ट्रेन आई हैं । हर रोज डेढ़ से दो लाख प्रवासी श्रमिक ट्रेनों और बसों के माध्मय से आ रहे हैं । उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम यूपीएसआरटीसी की 12 हजार से अधिक अनुबंधित बसें चल रही हैं । इन बसों से प्रवासी श्रमिकों को ट्रेन से पृथक-वास केन्द्रों और फिर वहां से घर तक भेजने की व्यवस्था की गई है। 

इसके अलावा प्रत्येक जिले में 200 निजी वाहन अधिकृत करने की अनुमति दी गई है। कुल मिलाकर 15 हजार निजी बसों की व्यवस्था कर दी गई है। अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पृथकवास केन्द्रों की संख्या 15 लाख करने को कहा है क्योंकि एक दिन में 100 ट्रेन का मतलब है कि डेढ़ से दो लाख लोग हर दिन प्रदेश में आ रहे हैं।  

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