जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार (14 फरवरी) को जैश-ए-मोहम्मद के एक फिदायिन हमले में सीआरपीएफ के 42 जवान शहीद हो गए हैं। इस घटना से पूरा देश ही बल्कि विदेशों में भी शोक की लहर है। इस घटना पर अमेरिका ने भी दुख जताया है। अमेरिका की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हम पुलवामा हमले की कड़ी निंदा करते हैं। अमेरिका ने आतंकवाद की लड़ाई में भारत का साथ देने का वादा किया है।
भारत में अमेरिकी दूत केनेथ जस्टर के ने कहा, ''अमेरिका इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता है। पीड़ित परिवार के साथ हमारी सारी संवेदनाएं हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के साथ आतंक का सामना करने और उसे हराने में उसके साथ खड़े हैं।''
वहीं, पुलवामा आतंकी हमला की वजह से केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा भूटान की यात्रा बीच में ही छोड़ कर वापस लौट रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुलवामा आतंकी हमले हमले की कड़ी निंदा करते हुए लिखा, "पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हमला बेहद निंदनीय है। मैं कड़े शब्दों में इस कायराना हमले की निंदा करता हूँ। हमारे जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। पूरा देश शहीद हुए जवानों के परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। मैं घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।"
जैश-ए-मोहम्मद ने ली पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी
पुलवामा में गुरुवार(14 फरवरी) को हुए आतंकी हमले में मरने वालों की संख्या 30 से बढ़कर 42 हो गई है। सीआरपीएफ के काफिल में 70 से ज्यादा गाड़ियों थीं। आतंकियों ने विस्फोटकों भरी कार से इस काफिले पर हमला कर दिया।
पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है। उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था। हताहतों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है।
विस्फोट में कई लोग घायल हो गये। धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास बिखरे क्षत-विक्षत शवों को देखा जा सकता है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विस्फोट की घटना श्रीनगर जम्मू राजमार्ग पर अवंतिपुरा इलाके में हुई।