नई दिल्ली: अडानी समूह को लेकर देश में राजनीतिक माहौल गर्म हो चुका है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षियां पार्टियां केंद्र की भाजपा सरकार को घेरने में जुटी हुई है। इस बीच संसद में चल रहे बजट सत्र में 6 जनवरी, यानी आज भी हंगामे के आसार है। कांग्रेस लगातार सरकार से सवाल कर रही है कि क्यों वह अडानी समूह के खिलाफ जांच नहीं करवा रहे हैं।
संसद में बजट सत्र से पहले सोमवार को मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "जो उद्योगपति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी है उनको उन्हें कुछ बोलना चाहिए नहीं तो देश की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो जाएगी।"
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा संसद में कार्रवाई शुरू होने से पहले बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में तमाम विपक्षी दलों को एक जुट होकर अडानी मुद्दे पर सदन में सरकार के खिलाफ विरोध करने के लिए बुलाया गया था। कांग्रेस, डीएमके, एनसीपी, बीआरएस, सपा, सीपीएस, सीपीआई, आरजेडी, शिवसेना, आम आदमी पार्टी समेत कई अन्य दलों के साथ खड़गे ने बैठक की और हिंडनबर्ग और अडानी के मुद्दे को सदन में उठाने के लिए तमाम रणनीति तैयार की है।
दरअसल, अडानी मुद्दे पर विपक्ष मोदी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है, यही कारण है कि कांग्रेस सभी विपक्षी दलों को इकट्ठा करके सदन में इस मुद्दे को उठाने के लिए तैयार हैं।
अडानी मुद्दे पर पीएम क्यों हैं चुप- खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अडानी स्टॉक क्रैश को सदन में चर्चा में लाएंगे और जो कमियां हैं वो हम सरकार को बताएंगे। सरकार अब तक चुप क्यों बैठी है? इतना बड़ा घोटाला होने के बाद भी सरकार चुप्पी साधे है, खासकर की पीएम मोदी कुछ नहीं बोल रहे हैं।
विपक्ष कर रहा जांच की मांग
बता दें कि देश के अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार से जांच की मांग कर रहा है। अपनी मांग को लेकर विपक्ष आज गांधी प्रतिमा के सामने खड़ा होकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। इस दौरान विपक्ष के हाथों में सरकार के खिलाफ लिखे हुए पोस्टर नजर आए, विपक्ष सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहा है।