दिल्ली में आग: उपहार सिनेमा से अनाज मंडी तक, दिल्ली में भीषण आग की घटनाओं से प्रशासन नहीं ले रहे सबक
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 8, 2019 14:36 IST2019-12-08T14:36:12+5:302019-12-08T14:36:12+5:30
अनाज मंडी में आग की खबर से दिल्ली के लोगों के सामने उपहार सिनेमा हादसे की याद आ गई। आपको बता दें कि 13 जून, 1997 को दक्षिणी दिल्ली के उपहार सिनेमा में बॉर्डर फिल्म देखने पहुंचे बहुत से लोगों के जीवन का अंतिम दिन साबित हुआ था।

बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में 21 जनवरी, 2018 को तीन फैक्ट्रियों में भीषण आग लग गई थी।
दिल्ली के लोगों के लिए आग की घटना समान्य हो गई है। हर साल करीब आधा दर्जन आग की घटनाएं सामने आती है। इन घटनाओं में सैकड़ों लोगों की जानें जाती हैं। लेकिन, यह दिल्ली का दुर्भाग्य है कि इतने घटनाओं के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी इस मामले में सबक नहीं ले रहे हैं। यही वजह है कि उपहार सिनेमा से लेकर अनाज मंडी तक की घटनाओं में प्रशासन की गलती सामने आई है। आइए प्रशासन के निकम्मेपन की वजह से घटने वाली इन घटनाओं के बारे में जानते हैं-
उपहार सिनेमा मामला-
अनाज मंडी में आग की खबर से दिल्ली के लोगों के सामने उपहार सिनेमा हादसे की याद आ गई। आपको बता दें कि 13 जून, 1997 को दक्षिणी दिल्ली के उपहार सिनेमा में बॉर्डर फिल्म देखने पहुंचे बहुत से लोगों के जीवन का अंतिम दिन साबित हुआ था।
दरअसल, शो के दौरान सिनेमाघर के ट्रांसफॉर्मर कक्ष में आग लग गई जो तेजी से अन्य हिस्सों में फैल गई। आग की वजह से 59 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें महिलाएं और बच्चे भी थे। इस घटना के बाद जांच के दौरान पता चला था कि सिनेमाघर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे।
बवाना इंडस्ट्रियल एरिया आग हादसा-
उपहार सिनेमा के अलावा राजधानी के बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में 21 जनवरी, 2018 को तीन फैक्ट्रियों में भीषण आग लग गई थी। आग लगने की इस घटना में 17 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में 8 महिलाएं थीं। इलाके में अवैध रूप से फैक्ट्रियां चल रही थीं। आग एक पटाखा फैक्ट्री के बेसमेंट और फर्स्ट फ्लोर पर लगी थी।
होटल अर्पित आग हादसा-
12 फरवरी, 2019 को करोल बाग के होटल अर्पित में आग ने 17 लोगों की जान ले ली। सुबह एक छोटी-सी चिनगारी ने भयानक आग का रूप ले लिया था। आग लगने के वक्त होटल में करीब 53 लोग थे। होटल के अलग-अलग कमरों में सोए लोगों का सुबह 3 बजे के आसपास अचानक दम घुटने लगा। गर्मी बढ़ गई। दरवाजा खोला तो सब धुआं-धुआं था। कई लोग जान बचाने के लिए ऊपर से ही कूदने लगे।
भलस्वा डेरी आग हादसा-
23 मार्च, 2019 को भलस्वा डेरी थाने के मालखाने में आग लग जाने से यहां जब्ती की रखीं 15 कार जलकर खाक हो गईं। जिस वक्त आग लगी, उस वक्त मालखाने की रखवाली के लिए कोई तैनात नहीं था। फायर ब्रिगेड की पांच गाड़ियों ने आग पर काबू पाया था। लोगों का कहना था कि अगर कोई पुलिसकर्मी यहां तैनात होता तो इस हादसे को समय रहते रोका जा सकता था।
बवाना नमकीन-चिप्स फैक्ट्री में आग हादसा-
आपको बता दें कि 27 अगस्त 2019 को बवाना के ही सेक्टर-2 ए ब्लॉक स्थित नमकीन-चिप्स बनाने की फैक्ट्री में फैक्ट्री के ग्राउंड फ्लोर पर अचानक आग लग गई थी। तीन मंजिला इस फैक्ट्री में आग की सूचना मिलते ही वर्कर्स फैक्ट्री से बाहर निकल गए। सूचना पर पहुंची दमकल की चार गाड़ियों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका। चार दमकल की गाड़ियों में पानी खत्म होने के करीब 20 मिनट बाद अन्य दमकल की गाड़ी आई। जबतक आग तीसरी मंजिल तक पहुंच चुकी थी।
नरेला इंडस्ट्रियल एरिया आग हादसा-
16 नवंबर, 2019 की रात बाहरी दिल्ली के नरेला इंडस्ट्रियल एरिया में एक जूते बनाने की फैक्ट्री में भयंकर आग लग गई। यहां बड़ी मात्रा में रबर और जूते-चप्पल बनाने के काम आने वाले केमिकल्स भी रखे हुए थे जिनकी वजह से आग तेजी से भड़क गई थी। इस हादसे में एक शख्स की मौत हो गई जबकि लाखों रुपये का सामान जलकर खाक हो गया। फैक्ट्री में जूते-चप्पल बनाए जाते थे।
इसके अलावा भी शहर के कई जगहों पर बीच-बीच में आग लगने की खबर आती रही है। आपको बता दें कि इसी साल 27 अगस्त को ही आईटीओ के पास विकास भवन की दूसरी मंजिल पर आग लग गई थी। आग दिल्ली महिला आयोग के कार्यालय में लगी थी। इस घटना में 22 से 25 कर्मचारियों की जानें बड़ी मुश्किल से बचाई जा सकी।