यूपी में बदले दो जगहों के नाम, मुंडेरा बाजार बना 'चौरी-चौरा', तेलिया अफगान हुआ अब 'तेलिया शुक्ला'
By विनीत कुमार | Published: December 27, 2022 06:14 PM2022-12-27T18:14:06+5:302022-12-27T18:21:42+5:30
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और देवरिया में दो स्थानों के नाम बदलने के राज्य सरकार की अनुशंसा को गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। ऐसे में गोरखपुर जिले के मुंडेरा बाजार को अब 'चौरी चौरा' और देवरिया जिले के तेलिया अफगान गांव को 'तेलिया शुक्ला' के नाम से जाना जाएगा।
नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गोरखपुर जिले के मुंडेरा बाजार नगरपालिका परिषद को 'चौरी चौरा' और देवरिया जिले के तेलिया अफगान गांव का नाम 'तेलिया शुक्ला' करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि मंत्रालय ने यूपी सरकार की अनुशंसा पर 6 अक्टूबर को मंजूरी दे दी थी।
सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार को एक 'अनापत्ति' प्रमाण पत्र भी दे दिया गया है, जिससे गोरखपुर जिले में नगरपालिका परिषद 'मुंडेरा बाजार' का नाम बदलकर 'चौरी-चौरा' और देवरिया जिले के 'तेलिया अफगान' गांव का नाम बदलने की अनुमति मिल गई है।
नियमों के मुताबिक गृह मंत्रालय मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार और संबंधित एजेंसियों से मिली सलाह के बाद स्थानों के नाम बदलने के लिए राज्यों के प्रस्तावों पर विचार करता है। इसके बाद मंत्रालय किसी विशेष स्थान का नाम बदलने के लिए अपना 'अनापत्ति' प्रमाणपत्र देता है।
गृह मंत्रालय कैसे जारी करता है 'अनापत्ति' प्रमाणपत्र
गृह मंत्रालय रेल मंत्रालय, डाक विभाग और भारतीय सर्वेक्षण विभाग से 'अनापत्ति' प्राप्त करने के बाद किसी भी स्थान के नाम परिवर्तन की स्वीकृति प्रदान करता है। इन विभागों और मंत्रालय को यह पुष्टि करनी होती कि उनके रिकॉर्ड में प्रस्तावित नाम के समान नाम वाला कोई दूसरा शहर, कस्बा या गांव नहीं है।
किसी गाँव या कस्बे या शहर का नाम बदलने के लिए एक कार्यकारी आदेश की आवश्यकता होती है। वहीं, किसी राज्य का नाम बदलने के लिए संसद में साधारण बहुमत से संविधान में संशोधन की आवश्यकता होती है।
साल 2020 में गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के एक अनुरोध के बाद उत्तर प्रदेश के मडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर 'बनारस' करने की मंजूरी दी थी। इसी तरह 2019 में गृह मंत्रालय ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने की मंजूरी दी थी। इसे भी यूपी सरकार की मांग के बाद मंजूरी दी गई थी।