UP Lok Sabha Elections 2024: 7 चरण और शांति से मतदान खत्म, यूपी में ना हिंसा और ना एफआईआर!, कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा-बड़ी उपलब्धि
By राजेंद्र कुमार | Updated: June 1, 2024 17:19 IST2024-06-01T17:17:20+5:302024-06-01T17:19:32+5:30
UP Lok Sabha Elections 2024: यूपी में चुनावी हिंसा की एक भी घटना ना होने देने को सूबे के कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार पुलिसबल की बड़ी उपलब्धि मानते हैं.

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UP Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश में सातवें चरण का मतदान भी शांतिपूर्ण तरीके से पूरा हो गया. सूबे में यह पहला मौका है जब चुनाव की पूरी प्रक्रिया में हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई. जबकि इस दौरान हजारों अवैध असलहे प्रदेश में पुलिस ने पकड़े. 500 करोड़ रुपए से अधिक की शराब, ड्रग, बहुमूल्य धातुएं व नकदी आदि भी जब्त की गई. इसमें 91.89 करोड़ नकद, 55.17 करोड़ की शराब, 238.46 करोड़ की ड्रग, 24.12 करोड़ की बहुमूल्य धातुएं तथा 55.67 करोड़ के मुफ्त उपहार आदि शामिल हैं. यूपी में चुनावी हिंसा की एक भी घटना ना होने देने को सूबे के कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार पुलिसबल की बड़ी उपलब्धि मानते हैं. उनका कहना है कि पुलिस की सतर्कता और सख्ती से चुनावी हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई.
हेट स्पीच की 42 एफआईआर दर्ज हुई
यूपी में हिंसा ही एक भी घटना का ना घटना वास्तव में बड़ी बात है. जिस राज्य में हर चुनाव के दौरान मारपीट और हिंसा होना आम घटना मानी जाने लगी हो, उस राज्य में मारपीट और हिंसा की एक भी घटना ना होने देना पुलिस बल के लिए गर्व करने की बात है. सूबे के बड़े पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सूबे में वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में चुनावी हिंसा की चार घटनाएं हुई थी, जिसमें तीन लोग जख्मी हुए थे.
वर्ष 2022 के चुनावों में भी सात जिलों में हिंसा की घटनाओं की आठ एफआईआर दर्ज हुई थी, लेकिन इस बार के चुनाव में चुनावी हिंसा की एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई. जबकि बीते 15 मार्च से अब तक राज्य में बिना अनुमति के सभा करने, भाषण करने, मतदाताओं को लुभाने के लिए नकदी बांटने, वाहनों में बीकन लाइट, फ्लैग के दुरुपयोग एवं अन्य मामलों में 148 एफआईआर दर्ज की गई हैं.
जिसमें भड़काऊ भाषण (हेट स्पीच) के 42 मुकदमे दर्ज हुए हैं. हेट स्पीच से संबंधित एक प्रकरण बहुजन समाज पार्टी के प्रमुख नेता आकाश आनंद का भी है. हेट स्पीच के सबसे अधिक 6 मुकदमे गोंडा जिले में दर्ज हुए हैं.इसके अलावा फतेहपुर में 3, कानपुर, प्रयागराज, सीतापुर, मुरादाबाद, चित्रकूट, औरैया, बाराबंकी में 2-2 और गाजियाबाद, वाराणसी, मुजफ्फरनगर, शामली, कानपुर देहात, मेरठ, संभल, बलिया, फतेहगढ़, मैनपुरी, फिरोजाबाद, चंदौली, कुशीनगर, बदायूं, इटावा, एटा, बलरामपुर, श्रावस्ती, जौनपुर और आजमगढ़ में एक-एक मुकदमा दर्ज हुआ है.
26.47 लाख लोगों को किया गया पाबंद
राज्य के एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश के अनुसार, इस लोकसभा चुनाव में पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने 10,239 अवैध असलहे जब्त किए हैं. जबकि वर्ष 2014 के चुनाव में 4570 असलहे और वर्ष 2019 में असलहे सीज किए गए थे. इसी तरह इस बार राज्य में 10,430 कारतूस, 3162 ग्राम विस्फोटक, 612 बम और अवैध असहला बनाने की 5400 से अधिक फैक्ट्री भी पकड़ी गई.
राज्य में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए पुलिस ने चुनाव के दौरान 8.77 लाख से अधिक लाइसेंसी हथियार जमा कराए और 4768 लाइसेंस निरस्त किए गए. इसके अलावा शांति भंग की आशंका में 28 लाख से ज्यादा लोगों को सूबे में पाबंद करने के नोटिस भेजी गई और उनमें से 26.47 लाख लोगों को पाबंद किया गया. ऐसी कार्रवाई के चलते ही राज्य में हिंसा रहित चुनाव संपन्न होने का दावा किया जा रहा है.